Gujarat से निकला नया ट्रेंड, ‘कम्युनिटी परचेजिंग’ से लाखों नहीं, करोड़ों की बचत

गुजरात हमेशा से अपनी व्यावसायिक समझ और दूरदर्शी सोच के लिए जाना जाता है। इस बार भी राज्य के लोगों ने यह साबित कर दिया कि कमाई से बड़ी कला है समझदारी से खर्च करना। जैन समुदाय की संस्था जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने पूरे देश में चर्चा बटोर ली है। संस्था ने सामूहिक रूप से लग्जरी कारें खरीदकर करीब 21 करोड़ रुपए की बचत की है।

सामूहिक खरीद का अनोखा मॉडल

JITO के नेतृत्व में देशभर के 186 सदस्यों ने एक साथ मिलकर Audi, BMW, Mercedes जैसी लग्जरी कारें खरीदीं। इन गाड़ियों की कीमतें 60 लाख रुपए से लेकर 1.34 करोड़ रुपए तक थीं। अहमदाबाद और गुजरात के अन्य शहरों के जैन परिवार इस अभियान का हिस्सा बने। JITO के वाइस चेयरमैन हिमांशु शाह ने बताया कि जब समुदाय एक साथ खरीदारी करता है, तो कंपनियों को एक साथ बड़ी बिक्री का लाभ मिलता है। इसके बदले में ब्रांड्स भी विशेष छूट देने को तैयार हो जाते हैं।

इस सामूहिक सौदेबाजी में कुल 149.54 करोड़ रुपए की लग्जरी कारें खरीदी गईं, जिन पर 21.22 करोड़ रुपए की बचत हुई। शाह ने कहा, “यह सामूहिक शक्ति की मिसाल है, जिसमें न केवल पैसा बचा बल्कि सभी को एक ही प्लेटफॉर्म पर फायदा मिला।”

अब अन्य क्षेत्रों में भी अपनाया जाएगा यह तरीका

JITO इस सफलता के बाद अब इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने की तैयारी में है। संगठन ने “कम्युनिटी परचेजिंग” नाम से एक नया विंग बनाया है। इसका उद्देश्य है कि समुदाय के लोग मिलकर इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी, दवाइयां और अन्य प्रोडक्ट सामूहिक रूप से खरीदें ताकि हर सदस्य को बाजार से सस्ते दाम पर समान मिल सके।

भरवाड़ समुदाय ने भी अपनाया JITO का मॉडल

JITO की इस पहल से प्रेरित होकर गुजरात के भरवाड़ समुदाय ने भी सामूहिक खरीदारी का रास्ता अपनाया। भरवाड़ युवा संगठन ने हाल ही में 121 जेसीबी मशीनें एक साथ खरीदीं और प्रति मशीन करीब 3.3 लाख रुपए की छूट हासिल की। इस तरह पूरे समुदाय ने लगभग 4 करोड़ रुपए की बचत की।

संगठन के अध्यक्ष दिलीप भरवाड़ ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। जिन युवाओं के पास पर्याप्त क्रेडिट स्कोर नहीं था, उन्हें पैन और आधार वेरिफिकेशन के आधार पर जीरो डाउन पेमेंट पर मशीन दिलाई गई। समुदाय ने बैंक को गारंटी दी, जिससे सभी युवाओं को आसानी से लोन मिल गया।

गुजरात में शुरू हुआ यह सामूहिक खरीद का मॉडल अब स्मार्ट निवेश और आर्थिक एकजुटता का उदाहरण बन गया है, जो आने वाले समय में देश के अन्य समुदायों के लिए भी प्रेरणा साबित हो सकता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra