19 October नरक चतुर्दशी, 20 अक्टूबर दीपावली, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लोक परंपराएं

इस साल नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली 19 अक्टूबर 2025 (रविवार) को मनाई जाएगी। इसे रूप चौदस, नरक निवारण चतुर्दशी और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। दीपावली 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी।

ब्रह्ममुहूर्त में उबटन स्नान करें महिलाएं

पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने राक्षस नरकासुर का वध कर 16,000 कन्याओं को मुक्ति दिलाई थी। इसी कारण यह तिथि रूप और शुद्धता का प्रतीक मानी जाती है। महिलाएं इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उबटन स्नान (अभ्यंग स्नान) कर अपनी सुंदरता और स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं।

शुभ योग और अभ्यंग स्नान का समय

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, नरक चतुर्दशी पर अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। ये योग 19 अक्टूबर शाम 5:49 बजे से 20 अक्टूबर सुबह 6:29 बजे तक रहेंगे। अभ्यंग स्नान का मुहूर्त 20 अक्टूबर सुबह 5:13 से 6:25 बजे तक है। इस दौरान तिल का तेल और उबटन लगाकर स्नान करने से बुरी शक्तियों से सुरक्षा और सौंदर्य की वृद्धि होती है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में नरक चतुर्दशी को अलग नामों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे छोटी दिवाली, गुजरात और महाराष्ट्र में काली चौदस, जबकि दक्षिण भारत में नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन यमराज, माता काली और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। घर के कोनों में दीपक जलाना अकाल मृत्यु और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली 2025 का शुभ मुहूर्त-

दीपावली इस वर्ष 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर दोपहर 3:45 बजे से 21 अक्टूबर शाम 5:55 बजे तक रहेगी। महालक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ समय सायं 7:30 से 7:43 बजे के बीच रहेगा। प्रदोष काल, स्थिर लग्न और नवमांश कुंभ के संयोग से पूजा करने का विधान है।

इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, हनुमानजी, यमराज, कुबेर, चित्रगुप्त और पितरों की पूजा करने से सुख, समृद्धि और स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। घर में दीपक जलाना और श्रीसूक्त, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना विशेष शुभ माना जाता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra