Hair Dye के इस्तेमाल में बरतें सावधानी, जानें जोखिम और बचाव के आसान उपाय

आजकल हर कोई स्मार्ट और आकर्षक दिखना चाहता है। इसके लिए लोग कपड़ों, मेकअप और बालों के कलर पर ध्यान देते हैं। बालों को नया लुक देने के लिए मार्केट में हेयर डाई और कलर के कई ब्रांड उपलब्ध हैं। हालांकि, हर महीने केमिकल वाले हेयर कलर का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

हेयर डाई से क्या दिक्कतें हो सकती हैं?

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की रिसर्च “Hair Dyes and Cancer Risk” के अनुसार, हेयर डाई और कुछ कैंसर के बीच संभावित संबंध देखा गया है। इनमें ब्लड कैंसर (ली्यूकेमिया, लिम्फोमा), ब्लैडर कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर शामिल हैं। हालांकि, Harvard Health Blog के अनुसार सामान्य हेयर डाई से हर तरह के कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता, लेकिन कुछ सब-टाइप कैंसर जैसे बेसल सेल कार्सिनोमा में मामूली बढ़ोतरी की संभावना होती है।

अनुसंधान बताते हैं कि जो महिलाएँ नियमित रूप से परमानेंट हेयर डाई का इस्तेमाल करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम लगभग 90 प्रतिशत तक अधिक पाया गया।

हेयर डाई और कलर में आमतौर पर ये केमिकल पाए जाते हैं:

पैराफिनिलीन डायमाइन

अमोनिया

हाइड्रोजन पेरॉक्साइड

एरोमैटिक एमाइंस

ये केमिकल स्कैल्प के जरिए ब्लडस्ट्रीम में पहुंच सकते हैं और बालों को कई तरह से नुकसान पहुँचा सकते हैं। जैसे:

बालों का झड़ना और टूटना

स्कैल्प पर जलन और एलर्जी

बालों का पतला होना और घनापन कम होना

बालों की बनावट में बदलाव

हेयर डाई से बचाव के उपाय

हेयर डाई का इस्तेमाल करते समय सावधानी रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ आसान उपाय हैं:

बार-बार इस्तेमाल से बचें – कोशिश करें कि हर 3-4 महीने से पहले बालों को कलर न कराएँ।

अमोनिया-फ्री और हर्बल कलर चुनें – ये कम नुकसानदेह होते हैं।

सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल – बालों को कलर करते समय ग्लव्स और ब्रश का इस्तेमाल करें, ताकि केमिकल सीधे हाथ या स्किन से न लगे।

धोना और मॉइश्चराइज करना – बालों को कलर करने के बाद अच्छी तरह धोएं और बालों पर मॉइश्चराइजर लगाएँ।

बालों का रंग बदलना स्टाइल और पर्सनैलिटी निखारने का तरीका है, लेकिन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसका इस्तेमाल करना जरूरी है। बार-बार केमिकल वाले कलर का उपयोग स्वास्थ्य और बालों के लिए हानिकारक हो सकता है। सुरक्षित विकल्प और सही तरीका अपनाकर आप बालों का लुक बदलते हुए भी सुरक्षित रह सकते हैं।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra