High Court का बड़ा एक्शन: पूर्व IAS, उद्योगपतियों और बिल्डर को भेजा नोटिस, अवैध निर्माण पर चल सकता है बुलडोजर

मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट की जस्टिस विशाल मिश्रा की सिंगल बेंच ने भोपाल की पॉश सोसाइटी व्हिस्परिंग पाम्स में रहने वाले कई बड़े कारोबारियों और पूर्व आईएएस अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। कोर्ट ने यहां नियमों के उल्लंघन पर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों, बिल्डर और संबंधित सरकारी विभागों को नोटिस जारी किया है। अब सोसाइटी में बने बंगलों पर बुलडोजर एक्शन की तैयारी चल रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को तय की गई है।

कलियासोत बांध के पास बना अवैध निर्माण का अड्डा

जानकारी के अनुसार, यह इलाका भोपाल के कलियासोत डैम के पास स्थित है और इसे लो डेंसिटी जोन यानी “कम घनत्व क्षेत्र” घोषित किया गया था। इस क्षेत्र में निर्माण के लिए सख्त नियम लागू हैं। लेकिन आरोप है कि पूर्व मुख्य सचिवों और बड़े उद्योगपतियों ने इन नियमों की अनदेखी करते हुए आलीशान कोठियां बना लीं। भोपाल मास्टर प्लान 2005 के मुताबिक इस इलाके में सिर्फ 6% क्षेत्रफल तक निर्माण की अनुमति थी, यानी 10,000 वर्गफुट के प्लॉट पर सिर्फ 600 वर्गफुट का ही निर्माण किया जा सकता था, लेकिन वास्तविकता में कई जगहों पर यह सीमा कई गुना पार कर दी गई।

आधे से ज्यादा क्षेत्र में अवैध निर्माण

याचिकाकर्ताओं महेश सिंह परमार और राज बहादुर प्रसाद ने इस मामले में जनहित याचिका दाखिल की। अदालत में उनके वकील राहुल दिवाकर और हर्षवर्धन तिवारी ने बताया कि यह इलाका पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील है, फिर भी यहां 50 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में अवैध निर्माण कर दिया गया है। इससे न केवल मास्टर प्लान का उल्लंघन हुआ है बल्कि जलस्रोतों और हरित क्षेत्र पर भी गंभीर असर पड़ा है। कोर्ट ने इस दलील को गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी किया।

कोर्ट ने कहा- अगर आरोप सही निकले तो होगी कड़ी कार्रवाई

जस्टिस विशाल मिश्रा ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर याचिकाकर्ताओं के आरोप सही पाए गए, तो यह गंभीर लापरवाही मानी जाएगी। कोर्ट ने दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों, एक उद्योगपति, नगर निगम आयुक्त, शहरी प्रशासन आयुक्त, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डायरेक्टर, और सोसाइटी के बिल्डर को पक्षकार बनाया है। सभी से अदालत ने विस्तृत जवाब तलब किया है।

24 नवंबर को फिर खुलेगा मामला, बुलडोजर की आहट तेज

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से मांग की है कि जिन मकानों ने स्वीकृत सीमा से अधिक निर्माण किया है, उन्हें अवैध घोषित कर ध्वस्त किया जाए। साथ ही भविष्य में इस इलाके में किसी भी नए निर्माण पर रोक लगाने के आदेश दिए जाएं। अब 24 नवंबर को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। अगर अदालत में आरोप साबित हो गए, तो भोपाल की इस हाई-प्रोफाइल सोसाइटी की कई आलीशान कोठियों पर बुलडोजर चलना तय है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra