Health Care: अचानक सांस फूलना या सूजन? हो सकता है हार्ट फेल्योर का संकेत, ना करें नजरअंदाज

आजकल दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और इनमें सबसे गंभीर समस्या हार्ट फेल्योर की है। अगर शरीर अचानक कुछ असामान्य संकेत देने लगे तो उन्हें हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, सांस फूलना, सीने में दर्द, पैरों में सूजन और थकान जैसे लक्षण इस ओर इशारा कर सकते हैं कि दिल ठीक से काम नहीं कर रहा है। समय रहते इन संकेतों को पहचानना बेहद जरूरी है।

सांस फूलना- पहला और सबसे आम संकेत

अगर बिना किसी मेहनत या हल्के काम पर भी सांस फूलने लगे, तो यह हार्ट फेल्योर का शुरुआती संकेत है। दिल जब ब्लड सही से पंप नहीं कर पाता, तो फेफड़ों में फ्लूइड जमा होने लगता है और सांस लेने में दिक्कत होती है।

पैरों और टखनों में सूजन

हार्ट की कमजोरी के कारण शरीर में तरल पदार्थ (फ्लूइड) जमा होने लगता है। इसका असर सबसे पहले पैरों और टखनों पर दिखाई देता है। लगातार सूजन रहना दिल के खतरे की घंटी हो सकती है।

सीने में दर्द और भारीपन

लगातार सीने में दर्द, दबाव या भारीपन महसूस होना सिर्फ गैस या एसिडिटी नहीं है। यह हार्ट फेल्योर का बड़ा लक्षण हो सकता है। इसे नज़रअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है।

लगातार थकान और कमजोरी

अगर आप बिना किसी वजह के हमेशा थके-थके से महसूस करते हैं, तो यह भी संकेत है कि दिल पूरे शरीर तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पा रहा।

धड़कन का अनियमित होना

हार्ट बीट का बहुत तेज चलना, रुक-रुक कर धड़कना या बिल्कुल अनियमित होना भी गंभीर लक्षण हैं। यह स्थिति अचानक हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ा देती है।

बार-बार खांसी और बलगम

दिल कमजोर पड़ने पर फेफड़ों में फ्लूइड जमा हो जाता है। इसकी वजह से बार-बार खांसी आना और बलगम निकलना शुरू हो सकता है। इसे सामान्य सर्दी-खांसी समझकर अनदेखा न करें।

बार-बार पेशाब आना

हार्ट की दिक्कत में शरीर अतिरिक्त फ्लूइड बाहर निकालने की कोशिश करता है। यही कारण है कि रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या बढ़ जाती है। यह भी हार्ट फेल्योर का एक छिपा संकेत है।

क्या करें अगर लक्षण दिखें?

अगर आपके शरीर में इनमें से एक साथ कई लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। शुरुआती पहचान से हार्ट फेल्योर जैसी गंभीर समस्या को रोका जा सकता है। साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, व्यायाम और तनाव पर नियंत्रण से दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है। शरीर समय रहते संकेत देता है। इन्हें पहचानना और समय पर कदम उठाना ही हार्ट फेल्योर से बचाव की सबसे बड़ी कुंजी है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra