एशिया कप 2025 का सातवां मुकाबला संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान के बीच खेला गया। इस मैच में यूएई की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। खास बात यह रही कि टीम इंडिया से करारी हार झेलने के बाद यूएई ने जबरदस्त वापसी करते हुए सुपर-4 की उम्मीदों को जिंदा रखा। वहीं, इस नतीजे ने पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
अलीशान और वसीम की तूफानी पारी
टॉस जीतकर ओमान ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया, जो पूरी तरह गलत साबित हुआ। यूएई के सलामी बल्लेबाज अलीशान शराफू और कप्तान मुहम्मद वसीम ने पहले विकेट के लिए 88 रनों की मजबूत साझेदारी कर टीम को शानदार शुरुआत दी। अलीशान ने केवल 38 गेंदों में 51 रन ठोके, जिसमें 7 चौके और 1 छक्का शामिल था। दूसरी ओर कप्तान वसीम ने 54 गेंदों पर 69 रनों की कप्तानी पारी खेली और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। अंत में हर्षित कौशिक की तेज़तर्रार पारी (8 गेंदों पर 19 रन नाबाद) ने रनगति को और तेज किया। इस तरह यूएई ने निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 172 रन बनाए। ओमान की ओर से जितेन रामानंदी ने 2 विकेट चटकाए जबकि हसनैन शाह और समय श्रीवास्तव को 1-1 सफलता मिली।
ओमान की कमजोर बल्लेबाजी, जुनैद सिद्दीकी का कहर
173 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ओमान की टीम शुरुआत से ही दबाव में दिखी। टीम ने महज 7 रन पर पहला विकेट गंवाया और फिर 50 रन तक पहुंचने से पहले ही आधी टीम पवेलियन लौट गई। ओमान के बल्लेबाज पूरी तरह संघर्ष करते नज़र आए और कोई भी खिलाड़ी 30 रन का आंकड़ा पार नहीं कर सका। आर्यन बिष्ट ने 24 रन, कप्तान जतिंदर सिंह ने 10 गेंदों पर 20 रन और विनायक शुक्ला ने 20 रन बनाए। लेकिन यह योगदान टीम को जीत की राह पर नहीं ला सके। ओमान की पूरी टीम 18.4 ओवर में 130 रन पर सिमट गई। यूएई की जीत के हीरो रहे तेज़ गेंदबाज जुनैद सिद्दीकी, जिन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 23 रन देकर 4 विकेट झटके। उनके सामने ओमान के बल्लेबाज पूरी तरह बेबस दिखे।
सुपर-4 की जंग और पाकिस्तान पर दबाव
इस जीत के साथ यूएई ने न सिर्फ टूर्नामेंट में अपनी उम्मीदें कायम रखीं, बल्कि पाकिस्तान की टेंशन भी बढ़ा दी। ग्रुप ए से भारत पहले ही सुपर-4 में जगह बना चुका है। ओमान की टीम इस हार के बाद बाहर हो गई। अब पाकिस्तान और यूएई के बीच होने वाला अगला मुकाबला ‘करो या मरो’ की स्थिति में बदल गया है। जो टीम जीतेगी, वह सीधे सुपर-4 में प्रवेश करेगी। ऐसे में यूएई का आत्मविश्वास चरम पर है, जबकि पाकिस्तान पर दबाव साफ़ झलक रहा है।
