NDA का बड़ा दांव, साझा संकल्प पत्र तैयार, हर विधानसभा में 10,000 मोदी मित्र, युवाओं को साधने की नई रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) इस बार एक अलग अंदाज़ में मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। बीजेपी, जेडीयू और अन्य सहयोगी दल मिलकर एक साझा घोषणा पत्र जारी करेंगे। इसमें अगले पांच साल के लिए सरकार की योजनाओं और वादों का ब्यौरा होगा। इस घोषणापत्र की थीम होगी- विकसित भारत के लिए विकसित बिहार।

युवाओं और महिलाओं पर खास फोकस

घोषणापत्र में खास तौर पर निवेश बढ़ाने, युवाओं को रोजगार देने और महिलाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाओं पर जोर दिया जाएगा। 2020 में जब बीजेपी और जेडीयू ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था, तब दोनों दलों ने अलग-अलग घोषणापत्र जारी किए थे। लेकिन इस बार साझा घोषणापत्र का मकसद है- एनडीए की एकजुटता और जनता के हित में मिलकर काम करने का संदेश देना।

कार्यकर्ता स्तर पर ‘एकजुट एनडीए’

एनडीए की रणनीति सिर्फ कागज पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी दिख रही है। अक्सर देखा जाता है कि गठबंधन बनने के बाद भी कार्यकर्ताओं में दूरी बनी रहती है। इस बार इसे खत्म करने के लिए पहले बूथवार साझा कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके बाद जिलावार सम्मेलन और अब विधानसभा-वार कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहे हैं। इन सम्मेलनों को ‘कार्यकर्ता सम्मेलन’ नाम दिया गया है, जहां सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता एक मंच पर आते हैं। यहां हर विधानसभा में जीत की रणनीति बनाई जाती है और एनडीए नेताओं का सीधा संवाद कार्यकर्ताओं से होता है।

चुनाव प्रबंधन समिति का गठन

बेहतर तालमेल और चुनावी प्रबंधन के लिए एनडीए ने एक बड़ा फैसला लिया है। सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए चुनाव प्रबंधन समिति बनाई जाएगी। इसमें बीजेपी और जेडीयू के साथ सहयोगी दलों के नेता भी शामिल होंगे। यह समिति प्रचार अभियान, साझा रैलियों, चुनावी मुद्दों और समन्वय से जुड़े फैसले लेगी। एनडीए का मानना है कि इससे सहयोगी दलों के बीच तालमेल और मजबूत होगा।

युवाओं को साधने की तैयारी

बीजेपी ने युवाओं को खास तौर पर एनडीए से जोड़ने के लिए ‘मोदी मित्र अभियान’ शुरू करने का ऐलान किया है। हर विधानसभा क्षेत्र में करीब 10,000 मोदी मित्र बनाए जाएंगे। ये डिजिटल वॉरियर की तरह काम करेंगे, जो सोशल मीडिया के जरिए सरकार की योजनाओं और कामकाज की जानकारी युवा मतदाताओं तक पहुंचाएंगे। इन मोदी मित्रों का काम सिर्फ प्रचार करना नहीं होगा, बल्कि वे फर्स्ट टाइम वोटर्स को लालू राज के जंगलराज की याद दिलाने और वर्तमान सरकार की उपलब्धियों को सामने लाने का भी जिम्मा उठाएंगे। बीजेपी का मकसद है कि इस अभियान के जरिए युवाओं में प्रशांत किशोर फैक्टर का असर भी कम किया जा सके।

एकजुटता और बेहतर तालमेल का संदेश

एनडीए इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में न सिर्फ साझा घोषणा पत्र के साथ उतरने जा रहा है, बल्कि एकजुटता और बेहतर तालमेल का संदेश भी जनता तक पहुंचा रहा है। कार्यकर्ता स्तर पर से लेकर चुनावी प्रबंधन समिति और मोदी मित्र अभियान तक – हर कदम यह दर्शाता है कि एनडीए इस बार पूरी ताकत और रणनीति के साथ चुनावी मैदान में है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra