Shubhman Gill का खुलासा: 11 साल की उम्र में खेली 90 रनों की पारी, प्रोफेशनल क्रिकेट का लिया फैसला

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल आज दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। उनका नाम विराट कोहली के बाद अगली पीढ़ी के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में लिया जाता है। लेकिन गिल का सफर इतना आसान नहीं रहा। हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने अपने बचपन का एक बड़ा राज़ खोला, जिससे पता चलता है कि सफलता के पीछे कितनी मेहनत और संघर्ष छुपा हुआ है।

पिता और कोच की लड़ाई बनी शुरुआती चुनौती

शुभमन गिल ने बताया कि जब वे सिर्फ 7 साल के थे, तब उनके पिता ने उन्हें एक पब्लिक क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिलाया। वहां सुबह 6 से 10 बजे और फिर शाम 4 से 6 बजे तक प्रैक्टिस होती थी। लेकिन इसी दौरान उनके पिता की कोच से बहस हो गई और गिल को एकेडमी से बाहर कर दिया गया। यह उनके लिए पहला बड़ा झटका था।

गिल ने याद करते हुए कहा, “मेरे पापा मुझे सुबह 3 बजे ही जगा देते थे ताकि मैं समय पर प्रैक्टिस कर सकूं। प्रैक्टिस के बाद स्कूल जाता था और फिर हाफ डे लेकर दोबारा मैदान में उतरता था। यह रूटीन काफी मुश्किल था, लेकिन आज मैं जानता हूं कि मेरे पापा की सख्ती ही मेरी सबसे बड़ी ताकत बनी।”

11 साल की उम्र में लिया प्रोफेशनल क्रिकेट का फैसला

गिल के क्रिकेट करियर का असली मोड़ तब आया जब वे सिर्फ 11 साल के थे। उस समय उन्हें अंडर-23 कैंप में खेलने का मौका मिला। वहां उनके मुकाबले लगभग दोगुनी उम्र के खिलाड़ी थे। हालांकि, टीम को बल्लेबाजों की कमी थी और गिल को बैटिंग का मौका दिया गया। उन्होंने बताया, “मैं सातवें नंबर पर उतरने वाला था, लेकिन शुरुआती बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए। मुझे बैटिंग करनी पड़ी और मैंने नाबाद 90 रन बनाए। उस दिन मुझे अहसास हुआ कि क्रिकेट ही मेरा रास्ता है और मैं प्रोफेशनल खिलाड़ी बनने के लिए बना हूं।”

मेहनत ने दिया फल, अब क्रिकेट का चमकता सितारा

गिल की यही मेहनत और जुनून उन्हें यहां तक लेकर आया है। घरेलू क्रिकेट से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। चाहे टेस्ट मैचों में लंबी पारियां खेलनी हों या वनडे-टी20 में तेज रन बनाने हों, गिल हर फॉर्मेट में खुद को साबित कर चुके हैं। आज शुभमन गिल भारतीय टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक हैं। उनका सफर इस बात का सबूत है कि सफलता कभी आसानी से नहीं मिलती। कड़ी मेहनत, अनुशासन और संघर्ष ही किसी खिलाड़ी को स्टार बनाता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra