Social Media पर छाया 6-6-6 चैलेंज, फिटनेस का शॉर्टकट या फिटनेस का फरेब?

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नया फिटनेस ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है- 6-6-6 वॉकिंग चैलेंज। नाम थोड़ा अटपटा लगता है, लेकिन इसके पीछे की सोच सीधी और आसान है। इस चैलेंज के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को लगातार 6 हफ्ते तक, हर दिन 6 किलोमीटर की वॉक करनी होती है। देखने-सुनने में यह एक सरल फॉर्मूला लगता है, लेकिन क्या वास्तव में इससे वजन कम होता है या यह केवल इंटरनेट की एक और फिटनेस लहर है, यह सवाल सबके मन में है।

6-6-6 चैलेंज क्या है?

इस फिटनेस चैलेंज का मकसद लोगों को रोजाना कम से कम 6 किलोमीटर वॉक करने के लिए प्रेरित करना है।

यह चैलेंज सुबह या शाम किसी भी समय पूरा किया जा सकता है।

जिम या भारी-भरकम एक्सरसाइज करने वालों की बजाय यह फिटनेस की शुरुआत करने वाले लोगों के लिए ज्यादा आकर्षक है।

सोशल मीडिया पर कई लोग पहले और बाद की तस्वीरें डालकर इस चैलेंज को और पॉपुलर बना रहे हैं।

फायदे क्या हैं?

वजन नियंत्रण : रोजाना लंबी वॉक करने से कैलोरी बर्न होती है और फैट कम होने लगता है।

मेटाबॉलिज्म पर असर : लगातार चलने से शरीर की मेटाबॉलिक दर बढ़ती है, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है।

मानसिक स्वास्थ्य : वॉकिंग मूड को बेहतर करती है और स्ट्रेस हार्मोन घटाती है।

सुलभ विकल्प : यह चैलेंज उन लोगों के लिए आसान है जो जिम का खर्च या समय नहीं निकाल पाते।

सबके लिए नहीं है यह चैलेंज

अगर किसी को घुटनों, पैरों या कमर में दर्द की समस्या है, तो लंबे समय तक वॉक करना दिक्कत बढ़ा सकता है।

सिर्फ वॉकिंग से तुरंत वजन घटने की उम्मीद करना गलत है।

असली नतीजे पाने के लिए वॉकिंग के साथ संतुलित डाइट ज़रूरी है, जिसमें प्रोटीन और फाइबर भरपूर हो।

सोशल मीडिया का क्रेज बनाम असली फायदा

इस चैलेंज का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह लोगों को शुरुआत करने की प्रेरणा देता है। फिटनेस की दुनिया में पहला कदम सबसे मुश्किल होता है, और वॉकिंग एक आसान विकल्प है। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि यह कोई जादुई नुस्खा नहीं है। केवल 6 हफ्ते वॉक करने से लंबे समय तक वजन घटाना संभव नहीं होगा, जब तक कि इसे नियमित आदत और सही खानपान के साथ न जोड़ा जाए।

6-6-6 वॉकिंग चैलेंज एक अच्छी फिटनेस पहल

6-6-6 वॉकिंग चैलेंज एक अच्छी फिटनेस पहल हो सकती है, खासकर उनके लिए जो अपनी दिनचर्या में एक्टिविटी शामिल करना चाहते हैं। लेकिन इसे आंख मूंद कर फॉलो करने की बजाय अपने शरीर की क्षमता, स्वास्थ्य और डाइट पर भी ध्यान देना जरूरी है। सही नजरिए और अनुशासन के साथ यह चैलेंज आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra