आजकल हार्ट डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसका एक मुख्य कारण है खराब जीवनशैली। अनहेल्दी खानपान, स्ट्रेस से भरी लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसे बढ़ावा दे रहे हैं। दिल की बीमारियों में ब्लॉकेज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और नसों में फैट जमने जैसे कारण शामिल हैं, जिनसे व्यक्ति को दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हालांकि, यह समस्या केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
मानसिक तनाव और हार्ट डिजीज
हार्ट डिजीज और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। लगातार मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हार्ट पर सीधे असर डालती हैं। जब व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजरता है, तो शरीर में कई हॉर्मोनल बदलाव आते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट असामान्य हो सकते हैं। अगर चिंता और तनाव लंबे समय तक जारी रहें तो यह नींद की कमी, अस्वस्थ खानपान और धूम्रपान जैसी आदतों को जन्म देता है, जो हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
मानसिक समस्याएं और हार्ट डिजीज का जोखिम
डिप्रेशन
डिप्रेशन से जूझने वाला व्यक्ति एनर्जी की कमी, नींद न आने और नकारात्मक सोच से घिरा रहता है, जो सीधे हार्ट के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर
चिंता या एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर भी हार्ट डिजीज का एक बड़ा कारण बन सकती है, क्योंकि यह रक्तचाप बढ़ाने और नसों पर दबाव डालने का काम करता है।
क्रॉनिक तनाव
लंबे समय तक बना हुआ तनाव शरीर में कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हॉर्मोन का स्तर बढ़ाता है, जो हार्ट के कामकाज को नुकसान पहुंचा सकता है।
बाइपोलर डिसऑर्डर और PTSD
कुछ शोधों के मुताबिक बाइपोलर डिसऑर्डर और PTSD (पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) जैसे मानसिक विकारों से पीड़ित लोगों में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य से बचाव के उपाय
व्यायाम और योग
शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योग करें।
मेडिटेशन और गहरी सांस लेना
तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें, जो मानसिक शांति और हार्ट की सेहत को बढ़ावा देते हैं।
हेल्दी डाइट और नींद
संतुलित आहार और पर्याप्त नींद हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं।
नशे से दूर रहें
धूम्रपान और शराब जैसी नशे की आदतों से बचें, क्योंकि ये दिल की सेहत पर बुरा असर डालते हैं।
मानसिक समस्याओं का इलाज
मानसिक समस्याओं को नजरअंदाज न करें। जब भी जरूरत महसूस हो, डॉक्टर से सलाह लें और इलाज कराएं।
सामाजिक जुड़ाव बनाए रखें
परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच
समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना जरूरी है ताकि किसी भी समस्या को शुरुआत में ही पकड़ा जा सके।
हार्ट डिजीज बढ़ाने में मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका
हार्ट डिजीज को बढ़ाने में मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर मानसिक समस्याओं को समय रहते नियंत्रित किया जाए, तो यह हार्ट की सेहत को बेहतर बना सकता है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें, ताकि दिल की बीमारियों से बचा जा सके।
