दुनिया भले ही तेजी से आधुनिक हो रही हो, लेकिन आज भी धरती पर कई ऐसी जनजातियां हैं जो बाहरी दुनिया से दूर जंगलों में रहती हैं. इनका रहन-सहन, खान-पान और जीवनशैली पूरी तरह अलग है. कुछ जनजातियां ऐसी भी हैं जिनके बारे में माना जाता है कि वे नरभक्षी हैं यानी इंसानों का मांस भी खा जाती हैं. हाल ही में पापुआ के घने जंगलों में रहने वाली ऐसी ही एक रहस्यमयी जनजाति सुर्खियों में आई, जब आयरलैंड के मशहूर यूट्यूबर दारा ताह उनसे मिलने पहुंचे. लेकिन यह मुलाकात इतनी खतरनाक साबित हुई कि उन्हें वहां से जान बचाकर भागना पड़ा.
नमक से भड़क गई जनजाति
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दारा ताह नाव पर बैठे दिखाई देते हैं. वे अपनी जेब से नमक का पैकेट निकालते हैं और उत्सुकता से जनजाति के एक सदस्य को इसका स्वाद चखाते हैं. लेकिन जैसे ही जनजाति का व्यक्ति नमक खाता है, वह उसे तुरंत थूक देता है. दरअसल, वहां के लोग इस स्वाद से बिल्कुल भी परिचित नहीं हैं और उन्हें यह अच्छा नहीं लगा. यही छोटी-सी बात उनके गुस्से का कारण बन गई.
कहा जा रहा है कि इसके बाद जनजाति के कई सदस्य भड़क उठे और उन्होंने तीर-धनुष तान दिया. माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि दारा ताह को तुरंत वहां से निकलना पड़ा. अगर वे देर करते, तो शायद जान का खतरा भी हो सकता था.
वीडियो पर बहस
इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मच गई. कुछ लोग इसे रोमांचक अनुभव मान रहे हैं, वहीं कई यूजर्स ने दारा ताह की आलोचना की है. उनका कहना है कि किसी भी जनजाति की संस्कृति और परंपरा के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. एक यूजर ने लिखा – “यह अजीब जरूर लग सकता है, लेकिन आश्चर्य नहीं कि उन्हें इतनी तीखी प्रतिक्रिया मिली. इस तरह के दौरे अक्सर शोषण का रूप ले लेते हैं और आगंतुक व जनजाति दोनों खतरे में पड़ जाते हैं।” एक अन्य ने कहा – “कुछ सीमाएं होती हैं, कृपया उनका सम्मान करें।”
कौन हैं दारा ताह?
दारा ताह आयरलैंड के जाने-माने यूट्यूबर हैं. वे अक्सर ऐसे कंटेंट बनाते हैं जो खतरनाक परिस्थितियों से जुड़ा होता है. कभी वह परमाणु बंकर में घुस जाते हैं, तो कभी दुनिया के सबसे खतरनाक द्वीप स्नेक आइलैंड पर पहुंच जाते हैं. इसी वजह से उनके वीडियोज सोशल मीडिया पर खूब देखे जाते हैं. उनके यूट्यूब चैनल पर 8.28 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और टिकटॉक पर करीब 7.5 लाख फॉलोअर्स.
सबक क्या है?
यह घटना केवल रोमांचक यात्रा नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है. स्थानीय जनजातियों के साथ जुड़ते समय उनकी संस्कृति और जीवनशैली का सम्मान करना बेहद जरूरी है. बाहरी लोग अगर अपनी आदतें और स्वाद उन पर थोपने की कोशिश करेंगे तो यह टकराव का कारण बन सकता है. दारा ताह का यह अनुभव दिखाता है कि रोमांचक सफर के साथ-साथ जिम्मेदारी और संवेदनशीलता भी उतनी ही जरूरी है.
यह घटना बताती है कि दुनिया आज भी रहस्यों से भरी हुई है. आधुनिकता के बीच ऐसी जनजातियां भी हैं जो अपने नियम-कायदे और परंपराओं के साथ जी रही हैं. उनसे मिलने का शौक जरूर हो सकता है, लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि उनकी दुनिया हमारी दुनिया से बिल्कुल अलग है।
