Kanpur में कमिश्नर का चला डंडा, तीन दागी अफसर लाइन हाजिर,अब चौकियों पर नहीं चलेगी दबंगई

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। लंबे समय से विवादों और आरोपों में घिरे कुछ पुलिस अधिकारियों पर कमिश्नरेट पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। इस कार्रवाई के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

बीते दिन देर शाम जारी लिस्ट के मुताबिक, माफिया अखिलेश दुबे सिंडिकेट से संबंध रखने के आरोप में भारत थाना प्रभारी नीरज ओझा को पुलिस लाइन भेज दिया गया। भाजपा नेता रवि सतीजा ने उन पर आरोप लगाया था कि वे दुबे गिरोह के इशारे पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कर रहे थे। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने तुरंत एक्शन लिया।

पनकी थाने के प्रभारी मानवेंद्र सिंह भी लाइन हाजिर

वहीं, पनकी थाने के प्रभारी मानवेंद्र सिंह को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है। उन पर समाजवादी पार्टी के नेता सत्यम द्विवेदी से अभद्रता और मारपीट का आरोप है। सत्यम ने यहां तक कहा था कि थानेदार ने उन्हें जूते से पीटा और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। मामला तूल पकड़ने पर और लगातार शिकायतों के बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की।

व्यापारी से 5.70 लाख लूटने वाला दरोगा सस्पेंड

सबसे गंभीर मामला दरोगा नितिन पूनिया का सामने आया। उन पर जालौन के एक व्यापारी को चौकी में बैठाकर लाखों रुपए लूटने का आरोप है। व्यापारी ने बताया कि चुन्नीगंज के पास उन्हें रोककर चौकी ले जाया गया, जहां 5 लाख 70 हजार रुपये जुआरी बताकर छीन लिए गए। इस शिकायत के बाद नितिन पूनिया को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

आदेश ना मानने पर दरोगा पर गिरी गाज

जानकारी के मुताबिक, हाल ही में कमिश्नर ने आदेश जारी किया था कि किसी भी व्यक्ति को चौकी में पूछताछ के लिए तभी बुलाया जाएगा जब थानेदार की अनुमति होगी। साथ ही सभी चौकियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने तक सख्त निगरानी रखी जाएगी। लेकिन दरोगा नितिन पूनिया ने इस आदेश की खुली अवहेलना की, जिसके चलते उनके खिलाफ विभागीय और कानूनी दोनों कार्रवाई की गई है।

तीन अलग-अलग मामलों में हुई इस सख्त कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि अब कानपुर पुलिस में भ्रष्टाचार और दबंगई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कमिश्नर के निर्देश के बाद विभागीय अफसरों में खौफ का माहौल है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी दागी अफसरों पर गाज गिर सकती है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra