Ganesh Utsav 2025: हर दिन भोग में क्या चढ़ाएं, मोदक से खीर तक, जानें गणपति के 10 दिन–10 खास भोग

गणेश उत्सव 27 अगस्त से 6 सितंबर 2025 तक पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। दस दिनों तक चलने वाला यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि इसमें भक्त गणपति बप्पा को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग भी अर्पित करते हैं। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक रोज अलग-अलग भोग लगाने से विघ्नहर्ता गणेश सभी दुख, दोष और बाधाओं को दूर कर देते हैं।

मोदक- गणपति का सबसे प्रिय प्रसाद

गणेश जी का नाम आते ही सबसे पहले मोदक की याद आती है। कहा जाता है कि माता पार्वती स्वयं गणेश जी के लिए मोदक बनाती थीं। पौराणिक कथा के अनुसार, जब गणेश जी को देवताओं द्वारा दिए गए अमृत मोदक का स्वाद मिला, तो वे इसे अपना सबसे प्रिय भोजन मान बैठे। यही कारण है कि गणपति का हर उत्सव मोदक के बिना अधूरा माना जाता है। यह आनंद और सुख का प्रतीक है।

पंचमेवा- ग्रह दोषों से मुक्ति का उपाय

मोदक के अलावा गणपति को पंचमेवा यानी पाँच सूखे मेवे भी बहुत प्रिय हैं। धार्मिक मान्यता है कि पंचमेवा का भोग लगाने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है और दुख-बाधाएं दूर होती हैं। भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पंचमेवा का प्रसाद अर्पित करते हैं।

लड्डू- शांति और सौभाग्य का प्रतीक

गणेश जी को विभिन्न प्रकार के लड्डू प्रिय हैं, चाहे वह बेसन के हों, मखाने के, रवे के या मोतीचूर के। गणेश उत्सव में लड्डू का भोग लगाना विशेष फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में सौहार्द बढ़ता है।

केला और अन्य फल- फलदायी प्रसाद

फलों में गणेश जी को सबसे अधिक प्रिय केला है। इसके साथ ही सेब, संतरा, पपीता और आम भी भोग में अर्पित किए जाते हैं। इन फलों को चढ़ाने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

मालपुआ- गणेश जी को प्रिय मीठा व्यंजन

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए मालपुआ का भोग भी लगाया जाता है। मान्यता है कि चूंकि गणपति का एक दांत टूटा हुआ है, इसलिए उन्हें मालपुआ खाना आसान लगता है। धार्मिक मान्यता है कि मालपुआ का भोग लगाने से घर की अशुभता और नकारात्मकता दूर होती है।

गुड़- पारंपरिक और शुभ प्रसाद

गुड़ गणेश जी का एक और प्रिय भोग है। इसे पारंपरिक रूप से प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि गुड़ का भोग लगाने से घर में खुशहाली आती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं।

खीर- समृद्धि और सुख का प्रतीक

गणपति बप्पा को विशेष रूप से मखाने की खीर प्रिय है। खीर का भोग लगाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। यह प्रसाद घर के वातावरण को पवित्र और शांतिमय बनाता है।

10 दिनों में अलग- अलग भोग से बप्पा को करें प्रसन्न

गणेश उत्सव के दस दिनों में भक्त अलग-अलग भोग अर्पित करके विघ्नहर्ता को प्रसन्न करते हैं। मोदक से लेकर लड्डू, फल, मालपुआ, गुड़ और खीर तक हर प्रसाद का अपना अलग धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा से चढ़ाया गया ये भोग न केवल गणपति को प्रसन्न करता है, बल्कि भक्तों के जीवन से सभी बाधाएं भी दूर करता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra