Alzheimer’s Disease: बार-बार भूलना अल्ज़ाइमर का संकेत या सामान्य आदत? जानिए फर्क

कभी-कभी ऐसा होता है कि हम घर की चाबी कहां रखी है, यह भूल जाते हैं। फोन कहीं रखकर भूल जाते हैं और बाद में खोजते रहते हैं। कई बार किसी का नाम जुबान तक आकर भी याद नहीं आता। ऐसी छोटी-छोटी भूलने की आदतें लगभग हर किसी के साथ कभी न कभी होती हैं लेकिन जब यह बार-बार होने लगे, तो मन में डर पैदा होता है कि कहीं यह अल्ज़ाइमर (Alzheimer’s) यानी याददाश्त कम होने की बीमारी की शुरुआत तो नहीं?

हर भूलना अल्ज़ाइमर नहीं

विशेषज्ञों के मुताबिक, हर भूलने की आदत अल्ज़ाइमर का लक्षण नहीं होती। हमारी लाइफस्टाइल, तनाव, नींद की कमी और बढ़ती उम्र भी भूलने का बड़ा कारण होती है। रोज़मर्रा के कामों को कभी-कभी भूल जाना सामान्य है। लेकिन अगर यह समस्या लगातार बढ़ रही है, तो इसे हल्के में भी नहीं लेना चाहिए। क्योंकि कई बार यही छोटी शुरुआत आगे चलकर गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है।

सामान्य भूलने के कारण

दिमाग भी मशीन की तरह काम करता है। जिस तरह मशीन को आराम और देखभाल चाहिए होती है, वैसे ही दिमाग को भी पर्याप्त नींद, पोषण और तनावमुक्त माहौल चाहिए। तनाव और चिंता, नींद की कमी, शरीर को पर्याप्त पोषण न मिलना, लगातार थकान ये सभी वजहें हमारी मेमोरी पावर को कमजोर कर देती हैं और हम छोटी-छोटी चीजें भूलने लगते हैं।

अल्ज़ाइमर और सामान्य भूलने में फर्क

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दलजीत सिंह बताते हैं कि अल्ज़ाइमर सिर्फ चीजें भूलने तक सीमित नहीं है। इसमें दिमाग की सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है। मरीज सिर्फ सामान ही नहीं भूलता, बल्कि रास्ते, समय और कभी-कभी अपने नज़दीकी लोगों को पहचानने में भी मुश्किल होती है। धीरे-धीरे यह बीमारी इंसान की रोजमर्रा की ज़िंदगी को पूरी तरह बदल देती है। यही कारण है कि अल्ज़ाइमर और सामान्य भूलने के बीच फर्क समझना जरूरी है।

शुरुआती संकेतों को न करें नजरअंदाज

अगर भूलना केवल कभी-कभी हो और आप तनाव या थकान में हों, तो यह सामान्य है। लेकिन अगर बार-बार रोज़मर्रा के काम भूलने लगें, बातचीत में सही शब्द याद न आएं, एक ही सवाल बार-बार पूछें या जरूरी कामों में गड़बड़ी करने लगें, तो यह अल्ज़ाइमर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

क्या है समाधान?

भूलने की आदत से डरने के बजाय सावधानी बरतना जरूरी है।

डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, हरी सब्जियां, फल और नट्स शामिल करें।

रोज़ाना कम से कम 7-8 घंटे नींद लें।

तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें।

दिमाग को एक्टिव रखें – किताबें पढ़ें, नई चीजें सीखें, पज़ल्स और मेमोरी गेम खेलें।

पज़ल्स और मेमोरी गेम से दिमाग की कोशिकाएं एक्टिव रहती हैं और याददाश्त मजबूत होती है।

दुनिया में कितने लोग प्रभावित?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में करीब 55 मिलियन लोग भूलने की बीमारी यानी डिमेंशिया से पीड़ित हैं। इनमें से बड़ी संख्या अल्ज़ाइमर के मरीजों की है। जिसका नतीजा साफ है कि कभी-कभी भूलना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह आदत बार-बार होने लगे, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय रहते जांच और सावधानी से बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra