Udaipur में स्कूटर पर खेल रहे बच्चे को नोचने लगे तीन कुत्ते, CCTV फुटेज वायरल, मां ने दिखाई हिम्मत

देशभर में सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर भेजने के आदेश के बाद बहस छिड़ी हुई है। कोई इसे इंसानियत के खिलाफ क्रूरता बता रहा है, तो कोई इसे लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी मान रहा है। इस बीच राजस्थान के उदयपुर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आवारा कुत्तों का खतरा बढ़ता जा रहा है?

स्कूटर पर खेलते मासूम पर झपटे कुत्ते

उदयपुर शहर की गौतम विहार कॉलोनी में सोमवार को एक 5 साल का बच्चा घर के बाहर अपने स्कूटर पर खेल रहा था। अचानक वहां तीन आवारा कुत्ते आ गए और उस पर झपट पड़े। कुत्तों के हमले से बच्चा संतुलन खो बैठा और स्कूटर से गिर गया। इसके बाद कुत्तों ने उसे नोचना शुरू कर दिया। मासूम की चीख-पुकार सुनकर उसकी मां घर से बाहर दौड़ी और किसी तरह कुत्तों को खदेड़कर बेटे की जान बचाई।

CCTV फुटेज आया सामने

पूरी घटना का CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि बच्चा स्कूटर पर खेलते समय अचानक कुत्तों के झुंड का शिकार बन गया। फुटेज में बच्चा जान बचाकर भागने की कोशिश करता है, लेकिन गिर जाते ही कुत्ते उसे बुरी तरह नोचने लगते हैं। तभी मां बाहर आती है और हिम्मत दिखाते हुए कुत्तों से भिड़कर बच्चे को बचा लेती है। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

इससे पहले भी हो चुका है हमला

उदयपुर में यह कोई पहली घटना नहीं है। फतहपुरा क्षेत्र में कुछ दिन पहले 8 साल के एक बच्चे पर भी कुत्तों के झुंड ने हमला किया था। उस दौरान बच्चे को गंभीर चोटें आई थीं और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इन घटनाओं ने शहरवासियों में डर और गुस्सा दोनों बढ़ा दिया है।

लोग सुरक्षा बनाम पशु अधिकारों पर बंटे

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही समाज दो हिस्सों में बंट गया है। जहां एक पक्ष का कहना है कि कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में रखना जरूरी है, क्योंकि आए दिन इंसानों पर हमले हो रहे हैं। वहीं दूसरा पक्ष इसे पशुओं के अधिकारों का हनन और क्रूरता बता रहा है। उनका मानना है कि कुत्तों को बेहतर तरीके से वैक्सीनेट और फीड करने की जरूरत है, न कि उन्हें कैद करने की।

प्रशासन पर उठे सवाल

वहीं लगातार हो रही घटनाओं ने प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम उठाए जाते, तो मासूमों की जान खतरे में नहीं पड़ती। कई इलाकों में कुत्तों के झुंड खुलेआम घूम रहे हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

राहत की बात

गौतम विहार कॉलोनी में हुए इस ताजा हमले में गनीमत यह रही कि बच्चे की मां ने समय रहते हिम्मत दिखाई और अपने लाड़ले को बचा लिया। अगर वह देर से पहुंचतीं, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra