Uttarakhand: थराली आपदा के बाद हरिद्वार में सन्नाटा, कारोबारियों के सपने ध्वस्त, 80% बुकिंग कैंसिल

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बरसात के दौरान प्राकृतिक आपदाएं आम हैं, लेकिन हाल ही में उत्तरकाशी के थराली में हुई बादल फटने की घटना का असर पूरे प्रदेश के पर्यटन पर देखने को मिल रहा है. 5 अगस्त को दोपहर करीब 1 बजे बादल फटने से थराली में भारी तबाही मची. इस हादसे में कई घर और होटल जमींदोज हो गए. इस घटना का असर सीधे हरिद्वार और आसपास के पर्यटन कारोबार पर पड़ा है.

होटल व्यापारियों के मुताबिक, इस घटना के बाद हरिद्वार में आने वाले 80 फ़ीसदी यात्रियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है. वजह सिर्फ थराली की त्रासदी ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर यूट्यूबर्स और ब्लॉगर्स द्वारा फैलाई गई भ्रामक और डराने वाली खबरें भी हैं.

होटल कारोबारियों की बढ़ी चिंता

हरिद्वार होटल एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी अखिलेश चौहान बताते हैं कि थराली की घटना बेहद दुखद है, लेकिन इसका सीधा असर हरिद्वार के पर्यटन पर पड़ा है. रक्षाबंधन के बाद हर साल यहां भारी संख्या में यात्री आते हैं, लेकिन इस बार 80% बुकिंग कैंसिल हो गई. जो 20% बची हैं, उनके भी रद्द होने की आशंका है. चौहान का कहना है कि पहले की तरह सड़कों पर यात्रियों की भीड़ नहीं है और लोग डर के कारण आना टाल रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो.

‘हरिद्वार पूरी तरह सुरक्षित’

होटल एसोसिएशन के महासचिव अशोक कुमार का कहना है कि कांवड़ यात्रा खत्म होने के बाद कारोबार बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन गलत खबरों ने स्थिति खराब कर दी. अब 75-80% बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं. उन्होंने साफ कहा कि हरिद्वार में किसी तरह का खतरा नहीं है और यहां आना पूरी तरह सुरक्षित है.

होटल एसोसिएशन के सचिव दीपक शर्मा ने भी यही बात दोहराई. उनका कहना है कि सितंबर, अक्टूबर और दिवाली तक हरिद्वार में सीजन रहता है, लेकिन थराली आपदा और सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों ने यात्रियों को डरा दिया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि हरिद्वार सुरक्षित है और यहां पर्यटन का आनंद लिया जा सकता है.

पर्यटन और कारोबार पर बड़ा झटका

हरिद्वार में व्यापारी पहले से ही मंदी का सामना कर रहे हैं. जून-जुलाई में वीकेंड पर भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार कावड़ मेले में भी यात्रियों की संख्या कम रही. अब थराली की घटना और उसके बाद सोशल मीडिया पर फैली गलत खबरों ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. साफ है कि प्राकृतिक आपदाएं सिर्फ प्रभावित इलाके में ही नुकसान नहीं करतीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के पर्यटन और व्यापार पर असर डालती हैं.

इस मामले में, गलत जानकारी ने डर को और बढ़ा दिया है. होटल व्यवसायियों की उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन सच्चाई लोगों तक पहुंचाए और अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि पर्यटन फिर से पटरी पर लौट सके.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra