पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मानहानि मामले में आखिरकार 10 साल बाद बड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है. मद्रास हाईकोर्ट ने धोनी द्वारा साल 2014 में दायर केस में सुनवाई शुरू करने का आदेश दे दिया है. इस केस में धोनी ने दो बड़े मीडिया संस्थानों, एक मशहूर पत्रकार और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है. आरोप है कि इन लोगों ने 2013 के IPL स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में धोनी का नाम गलत तरीके से जोड़ा था.
हाईकोर्ट ने दिया सुनवाई का आदेश
सोमवार को मामले को लेकर मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस सी.वी. कार्तिकेयन ने एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया है. इसका मकसद यह है कि धोनी के सबूत दर्ज किए जा सकें. अधिवक्ता आयुक्त चेन्नई में ऐसे स्थान पर सुनवाई करेंगे, जो सभी पक्षों और उनके वकीलों के लिए सुविधाजनक हो. यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि धोनी के सेलिब्रिटी होने के कारण कोर्ट में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से भीड़ और अव्यवस्था होने की संभावना थी.
सुनवाई के दौरान मौजूद रहेंगे धोनी
धोनी ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि वह इस मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि वे 20 अक्टूबर 2025 से 10 दिसंबर 2025 के बीच जिरह के लिए उपलब्ध रहेंगे. धोनी ने यह भी कहा कि वे अधिवक्ता आयुक्त के साथ पूरा सहयोग करेंगे और मुकदमे व सबूत दर्ज करने से जुड़े सभी निर्देशों का पालन करेंगे.
आखिर क्यों हुई इतनी देरी?
इस मामले की सुनवाई में 10 साल से ज्यादा की देरी हो गई. वजह यह रही कि अलग-अलग पक्षकारों ने कई आवेदन दायर कर विभिन्न तरह की राहत मांगी, जिससे केस आगे नहीं बढ़ पाया. दिसंबर 2023 में मद्रास हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार को आपराधिक अवमानना का दोषी करार देते हुए 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगा दी थी.
क्या है IPL स्पॉट फिक्सिंग मामला?
IPL स्पॉट फिक्सिंग केस साल 2013 में सामने आया था. इसमें राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण पर आरोप लगे थे. साथ ही, चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एन. श्रीनिवासन के दामाद और टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन का नाम भी इस मामले में आया था.
इस बड़े विवाद के बाद राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स दोनों को 2 साल के लिए IPL से बैन कर दिया गया था. हालांकि धोनी के खिलाफ कोई सबूत सामने नहीं आया, लेकिन कुछ लोगों ने उनके नाम को विवाद में घसीटा. जिसे लेकर उन्होंने मानहानि का यह केस दर्ज किया.
