उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। ये घटना इतनी तेज और खौफनाक थी कि महज 20 सेकंड के अंदर पूरा गांव सैलाब और मलबे में समा गया। लोग अपने घरों की छतों पर या ऊंची जगहों पर खड़े होकर अपनों को मरते हुए देख रहे थे, लेकिन कुछ भी कर पाने में असमर्थ थे। बस उनकी आवाजें ही गूंज रही थीं – ‘फोन लगाओ मामा को, बोलो भागो-भागो…’।
दर्दनाक हादसे का एक वीडियो आया सामने
इस दर्दनाक हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें किसी का चेहरा तो नहीं दिखता, लेकिन उनकी चीखें और घबराई हुई आवाजें दिल को झकझोर देने वाली हैं। महिलाएं फोन पर मामा को वहां से भागने को कह रही हैं, कोई चिल्ला रहा है, कोई रो रहा है। थोड़ी देर बाद आवाज आती है कि मामा अब सुरक्षित जगह पर हैं, लेकिन गांव के दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं।
नदी किनारे के 3-4 मंजिला मकान पूरी तरह से ध्वस्त
धराली गांव की खास बात यह है कि यहां नदी के दोनों किनारों पर बस्ती बसी हुई थी, जिसमें मकान, होटल और दुकानें शामिल थीं। बादल फटने के बाद जो सैलाब आया उसने गांव का आधा हिस्सा मलबे में दबा दिया। नदी किनारे के 3-4 मंजिला मकान भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गए।
अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि
सरकारी जानकारी के अनुसार अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और करीब 20 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। वहीं 50-60 लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
रेस्क्यू के लिए SDRF, NDRF और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। करीब 150 जवान दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार भी पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। स्थानीय लोग भी इस मुश्किल घड़ी में मदद के लिए सामने आ रहे हैं।
गांव में हर ओर सिर्फ तबाही का मंजर
गांव में हर ओर सिर्फ तबाही का मंजर है। दुकानें, मकान, सड़कें सब मलबे में तब्दील हो चुके हैं। बिजली और संचार व्यवस्था भी ठप हो गई है। गांव के लोगों की सबसे बड़ी चिंता अब अपने लापता परिजनों की तलाश है।
यह हादसा गंगोत्री के पास हर्षिल इलाके में हुआ है, जहां एक छोटी नदी बहती है। उसी नदी में अचानक आए सैलाब ने सब कुछ तबाह कर दिया। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों से दूर रहें और राहत कार्य में सहयोग करें।
इस भीषण त्रासदी ने एक बार फिर दिखा दिया है कि पहाड़ों में प्रकृति कितनी अनियंत्रित और खतरनाक हो सकती है। सरकार और प्रशासन की पूरी कोशिश है कि एक भी जान और नुकसान को रोका जा सके। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी लगातार जारी है।
