उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों में खस्ताहाल और खतरनाक हो चुके स्कूल भवनों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने यह सख्त कदम उठाया है। अब प्रदेश के किसी भी जर्जर स्कूल भवन में बच्चों की पढ़ाई नहीं करवाई जाएगी। ऐसे सभी भवनों को चिन्हित कर गिराने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। जब तक इमारत नहीं गिरती, तब तक उसे पूरी तरह सील कर दिया जाएगा।
छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की सुरक्षा सबसे अहम
सरकार की ओर से मंगलवार को जारी बयान में साफ किया गया है कि छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की सुरक्षा सबसे अहम है। बीते दिनों कई जिलों से ऐसी खबरें आईं कि स्कूल भवन बेहद खराब स्थिति में हैं और कभी भी गिर सकते हैं। कुछ जगहों की तस्वीरें भी सामने आईं, जिनमें बच्चों को टूटती छतों और दरारों वाले कमरों में पढ़ते देखा गया। इससे न सिर्फ बच्चों की जान को खतरा था, बल्कि विभाग की छवि भी खराब हुई।
सभी जिलाधिकारियों और शिक्षा अधिकारियों को दिए निर्देश
अब सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत सभी स्कूल भवनों की जांच कराएं। जो इमारतें खतरनाक हालत में हैं, उनकी रिपोर्ट तकनीकी समिति को दी जाए। इसके बाद जांच के आधार पर उन्हें गिराने की कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी वजह से इमारत को तत्काल नहीं गिराया जा सकता, तो उसके चारों ओर “प्रवेश निषेध” और “उपयोग लायक नहीं” जैसे बोर्ड लगाए जाएंगे और ईंट की दीवार बनाकर सील किया जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा है कि जब तक नए भवन नहीं बन जाते, तब तक कक्षा संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए पंचायत भवन, ग्राम सचिवालय, अन्य सुरक्षित भवन या नजदीकी स्कूलों की मदद ली जाएगी। शिक्षा विभाग ने सभी अधिकारियों को यह कार्य तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों की नियमित देखरेख और सफाई पर भी खास जोर दिया
इसके अलावा स्कूलों की नियमित देखरेख और सफाई पर भी खास जोर दिया गया है। अक्सर बारिश के मौसम में छतों पर पानी भरने, पत्तियां जमा होने और नालियों के बंद होने से इमारतों को नुकसान होता है। ऐसे में नगर निकाय और ग्राम पंचायतों की मदद से छतों और जल निकासी की नियमित सफाई कराई जाएगी।
अब सख्ती के बाद बढ़ा विभाग पर कार्रवाई का दबाव
निर्माण विशेषज्ञ श्यामकिशोर तिवारी का कहना है कि कई स्कूल भवन बेहद खराब हालत में हैं। पहले भी ऐसे निर्देश जारी किए गए थे लेकिन उन पर सख्ती से अमल नहीं हुआ। अब जबकि मीडिया में कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, तो विभाग पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अब इस दिशा में समयबद्ध और ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी हो गया है।
