साइबर ठगों का जाल हर दिन किसी न किसी भोले-भाले व्यक्ति को शिकार बना रहा है। इस बार साइबर ठगों ने इन्वेस्टमेंट ट्रेडिंग के नाम पर एक वादी से करीब 2 करोड़ 89 लाख 50 हजार रुपये की बड़ी ठगी कर डाली। मामला साइबर क्राइम थाना में दर्ज हुआ, और पुलिस की तत्परता से गैंग के एक सदस्य नितेश कुमार प्रसाद को फरीदाबाद, हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
थाना साइबर क्राइम पुलिस को एक महत्वपूर्ण सूचना मिली थी कि एक बड़ा साइबर ठग फरीदाबाद में छिपा है। पुलिस टीम ने 28 जुलाई 2025 को तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी नितेश कुमार प्रसाद, पुत्र शिव शंकर प्रसाद को दबोच लिया। आरोपी के कब्जे से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है, जो इस ठगी में इस्तेमाल किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
वादी ने 22 जुलाई 2025 को साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कोई व्यक्ति खुद को ‘एबॉट वेल्थ कोलकाता’ नाम की इन्वेस्टमेंट कंपनी का कर्मचारी बताकर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क में आया। आरोपी ने ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में ज्यादा मुनाफा दिलाने का लालच देकर वादी को करोड़ों रुपये इन्वेस्ट करने के लिए राजी कर लिया।
धीरे-धीरे करके आरोपी ने 2.89 करोड़ रुपये वादी से ठग लिए। पुलिस ने शिकायत मिलते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कराया ताकि और कोई बड़ा नुकसान न हो।
पूछताछ में आरोपी ने किया ये खुलासा
पुलिस पूछताछ में आरोपी नितेश कुमार ने खुलासा किया कि उसने अपने बैंक अकाउंट को 2% कमीशन पर गैंग को सौंप दिया था। उसके कोटक महिंद्रा बैंक खाते में इस ठगी से जुड़े 6 लाख रुपये जमा हुए थे। इसके अलावा एक अन्य ठगी मामले में उसके खाते में 30 लाख 77 हजार 74 रुपये की भी एंट्री मिली है।
गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी पुलिस
साइबर क्राइम टीम अब गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है। जल्द ही और गिरफ्तारियां संभव हैं। इस पूरे मामले में पुलिस की तेजी और सूझबूझ से वादी को और नुकसान होने से रोका गया है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि कोई भी इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग स्कीम अगर सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर मिले, तो पहले उसकी सत्यता जांचें। किसी अनजान व्यक्ति या संस्था के झांसे में आकर बड़ा पैसा न लगाएं। ऐसे मामलों में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के नाम पर चल रही स्कीमें फर्जी भी हो सकती हैं। सावधानी ही बचाव है, और ठगों से सतर्क रहना आज की जरूरत बन गई है।
