लखीमपुर खीरी के कमलापुर इलाके से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। 25 वर्षीय अंजली ने ज़हर खाकर अपनी जान दे दी। उसकी मौत ने न सिर्फ परिवार को बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। वहीं इस घटना के बाद पुलिस को अंजली का तीन पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपनी आखिरी ख्वाहिशें लिखीं। उसने लिखा, “मेरे मरने के बाद बच्चों को घर और जमीन में हिस्सा देना। कफन मेरे पैसों से लाना और सिंदूर अपने पैसों से।” ये शब्द किसी कविता के नहीं बल्कि एक टूटी हुई पत्नी और बेबस मां के थे, जो अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गई।
2020 में हुई थी अंजली की शादी
अंजली की शादी 2020 में संगम नाम के युवक से हुई थी। उनके दो छोटे बच्चे हैं-चार साल का कार्तिक और तीन साल की प्रियल हैं। कुछ दिन पहले अंजली अपने मायके गई थी और रविवार को ससुराल लौटी थी। उसी रात उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया। बताया जा रहा है कि रात में उसने पहले बच्चों को खाना खिलाया और सुलाया, फिर बाथरूम में जाकर जहरीला पदार्थ खा लिया। जब पति ने दरवाजा खोला तो अंजली बेसुध पड़ी हुई थी। परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां से लखनऊ रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अंजली के सुसाइड नोट ने सभी को किया भावुक
अंजली के सुसाइड नोट ने सबको भावुक कर दिया। उसने खुद को दोषी बताया और पति से कहा कि वह दूसरी शादी कर ले, लेकिन बच्चों का ख्याल रखे। उसने लिखा कि बेटी को कोमल जीजी के पास और बेटे को मम्मी के पास छोड़ देना। उसने यह भी लिखा कि उसकी आखिरी इच्छा है कि बच्चों को घर और जमीन में हिस्सा मिले।
मायके वालों ने ससुराल वालों पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं, अंजली के मायके वालों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका भाई सुरजीत कहता है कि बहन को जबरन जहर खिलाया गया। उसका दावा है कि ससुराल वाले दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करते थे और कई बार मारा-पीटा भी गया। उसने कहा कि इस बार जानबूझकर उसे मार डाला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस साजिश में पति और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं।
परिजनों की तहरीर पर होगी सख्त कार्रवाई
पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है और उसने शव का पोस्टमार्टम कराया है। थाना कमलापुर के एसएचओ का कहना है कि जांच की जा रही है और मृतका के परिजनों की तहरीर के आधार पर सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना ने एक बार फिर दहेज और घरेलू हिंसा के दर्दनाक पहलुओं को उजागर कर दिया है। अंजली के आखिरी शब्द इस बात की गवाही देते हैं कि वह टूट चुकी थी, लेकिन अपनी मौत के बाद भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रही।
