भारतीय क्रिकेट को नई दिशा देने वाले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं. आक्रामक सोच, आत्मविश्वास से भरी कप्तानी और युवा प्रतिभाओं को निखारने की कला—इन सबने उन्हें ‘दादा’ से ‘क्रिकेट लीजेंड’ बना दिया. इस खास मौके पर आइए नजर डालते हैं उनके पांच अद्भुत रिकॉर्ड्स पर, जो आज भी क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय हैं.
सचिन-गांगुली की जोड़ी: वनडे की सबसे घातक साझेदारी
गांगुली और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी को वनडे इतिहास की सबसे सफल सलामी जोड़ियों में गिना जाता है. दोनों ने मिलकर 176 पारियों में बल्लेबाज़ी की और 8227 रन जोड़े, जिसमें औसत 47.55 का रहा. खास बात यह है कि 6000 रन पार करने वाली कोई और जोड़ी उनके आसपास भी नहीं है.
चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में ऐतिहासिक पारी
सौरव गांगुली ने 2000 की ICC चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 117 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी. यह किसी भी खिलाड़ी द्वारा फाइनल में आज तक का सबसे बड़ा स्कोर है, जो ‘मिनी वर्ल्ड कप’ कहे जाने वाले इस टूर्नामेंट में उनकी महानता को दर्शाता है.
टेस्ट में बाएं हाथ से सबसे बड़ा स्कोर
गांगुली का टेस्ट करियर भी शानदार रहा. पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 239 रनों की मैराथन पारी खेली थी, जो आज भी किसी बाएं हाथ के भारतीय बल्लेबाज़ का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है.
वर्ल्ड कप में 183 रनों की तूफानी पारी
1999 के वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ गांगुली ने 183 रन बनाए थे. यह आज तक वर्ल्ड कप में किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है, जो उनके वनडे फॉर्मेट के प्रभुत्व को दर्शाता है.
लगातार 4 प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड
1997 में गांगुली ने लगातार चार वनडे मैचों में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता था. यह आज भी एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड है, जो उनकी निरंतरता और फॉर्म की गवाही देता है.
दादा के रिकॉर्ड, प्रेरणा की मिसाल
सौरव गांगुली सिर्फ एक नाम नहीं, एक युग हैं. उनके रिकॉर्ड्स सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की रीढ़ हैं. दादा के इस खास दिन पर पूरा देश उन्हें सलाम करता है.
