अगर आप बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए वाराणसी आ रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए. मंदिर के आसपास एक फर्जी तीर्थ पुरोहितों और पंडों का गैंग सक्रिय है, जो श्रद्धालुओं से मोटी रकम वसूलकर स्पर्श दर्शन और विशेष पूजा का झांसा देता है. श्रद्धालुओं से लगातार शिकायतें मिलने के बावजूद पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी.
वीआईपी दबाव के बाद हरकत में आई पुलिस
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के एक बड़े अधिकारी के रिश्तेदार से अवैध वसूली और अभद्रता के बाद मामला तूल पकड़ा. इसके बाद वाराणसी पुलिस पर दबाव पड़ा और चौक थाना पुलिस हरकत में आई. एसीपी दशास्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू हुई.
21 फर्जी पंडे धराए
चौक और दशास्वमेध थाना क्षेत्र की संयुक्त छापेमारी में पुलिस ने मंगलवार को 21 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें 15 आरोपी वाराणसी के रहने वाले हैं, जबकि 6 चंदौली और मिर्जापुर से हैं. ये सभी लोग अवैध रूप से पैसे लेकर दर्शन-पूजन करवाने का दावा करते थे और श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार भी करते थे.
छापेमारी जारी, मंदिर प्रशासन पर सवाल
एसीपी त्रिपाठी ने बताया कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. मंदिर परिसर में दर्शन के नाम पर अवैध वसूली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इससे पहले भी दो फर्जी पंडों के बीच तिलक लगाने को लेकर मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था. महाकुंभ जैसे आयोजनों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं.
श्रद्धालुओं में नाराज़गी
ऐसी घटनाओं से न केवल मंदिर की मर्यादा को ठेस पहुंचती है, बल्कि लाइन में लगकर ईमानदारी से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं में भी गुस्सा है. साथ ही, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की व्यवस्था और निगरानी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. अब देखना होगा कि इस पाखंड की सफाई कितनी गहराई से होती है.
