‘Arjun’ के ‘गांडीव’ से आसमान में भारत की बादशाहत तय, 350 KM दूर से दुश्मन के फाइटर जेट को करेगा ढेर

भारत की रक्षा ताकत को नई ऊंचाई देने वाली मिसाइल ‘गांडीव’ अब भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार है। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी तकनीक से तैयार किया है। यह मिसाइल एस्ट्रा Mk-III का उन्नत संस्करण है, जो हवा में 300 से 350 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद दुश्मन के स्टील्थ फाइटर जेट्स, बमवर्षकों और एरियल वॉर्निंग सिस्टम्स को भी आसानी से निशाना बना सकती है।

‘गांडीव’ को DRDO ने बनाया है। यह मिसाइल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। गांडीव मिसाइल को खास तकनीक से तैयार किया गया है, जिसमें रैमजेट इंजन का इस्तेमाल हुआ है।

रैमजेट इंजन से लैस है ‘गांडीव’

गांडीव मिसाइल की सबसे खास बात है इसका रैमजेट इंजन, जो हवा से ऑक्सीजन लेकर अपनी रफ्तार बनाए रखता है। इस तकनीक के कारण यह मिसाइल मैक 4.5 की रफ्तार से उड़ सकती है, यानी आवाज की गति से करीब 4.5 गुना तेज। दुश्मन की मिसाइलों से ज़्यादा ताकतवर गांडीव को इस तरह बनाया गया है कि यह चीन की PL-15 और पाकिस्तान की AIM-120 मिसाइलों से कहीं ज़्यादा ताकतवर है।

हवा से फायरिंग की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक, अब इसकी हवा से फायरिंग की तैयारी है। इस मिसाइल का अब अगला टेस्ट सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट से किया जाएगा। फिलहाल इसके कैप्टिव कैरिज ट्रायल्स चल रहे हैं। यानी मिसाइल को विमान पर रखकर उसकी सभी इलेक्ट्रॉनिक जांच की जा रही है। गांडीव मिसाइल को खास तकनीक से तैयार किया गया है, जिसमें रैमजेट इंजन का इस्तेमाल हुआ है।

उड़ान के दौरान खुद बदलेगी दिशा

इस मिसाइल में स्मार्ट सेंसर टेक्नोलॉजी दी गई है, जो इसे उड़ान के बीच में खुद दिशा बदलने की क्षमता देती है। यानी अगर दुश्मन का टारगेट रास्ता बदलता है या बचने की कोशिश करता है, तो गांडीव खुद को उसी के अनुसार एडजस्ट कर लेती है और निशाना चूकने का कोई मौका नहीं छोड़ती।

ओडिशा के बालासोर में हाल ही में इसका जमीन से पहला परीक्षण सफल रहा है, जो इसकी तकनीकी मजबूती और डिजाइन की सफलता का प्रमाण है। रक्षा विशेषज्ञ इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान की एक बड़ी छलांग मान रहे हैं।

डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, गांडीव को आगे तेजस, मिग-29, राफाल और भविष्य के लड़ाकू विमान AMCA में भी फिट करने की योजना है। अगर आने वाले परीक्षण सफल रहते हैं, तो यह मिसाइल भारतीय वायुसेना की ताकत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा सकती है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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