इटावा जिले में युवक-युवती ने कचहरी में मंदिर परिसर में दोनों ने सादे रूप में विवाह किया। भगवान को साक्षी मानकर दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाई और जीवन भर साथ निभाने की कसमें खाईं। अब ये अनोखा विवाह चर्चा का विषय बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश के इटावा में एक अनोखी और दिल छू लेने वाली शादी चर्चा का विषय बन गई है। न फेरे हुए, ना मंडप सजा, सच्चे प्रेम और आपसी सहमति भगवान को साक्षी मानकर विवाह किया। जानकारी के मुताबिक दिल्ली की एक निजी कंपनी में साथ काम करते हुए युवक-युवती एक-दूसरे को दिल दे बैठे।
इटावा के मढैया दिलीप नगर का रहने वाले युवक का नाम भोले शंकर, उम्र 23 वर्ष है। वहीं बिहार की रहने वाली 22 साल के युवती पन्ना से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जब परिवार ने शादी से इनकार किया, तो पन्ना ने साहसिक कदम उठाते हुए अपना घर छोड़ दिया और दो दिन पहले सीधे अपने प्रेमी के पास इटावा पहुंच गई। इसके बाद प्रेमी युगल विवाह के लिए इटावा कचहरी स्थित मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने रजिस्टर्ड मैरिज की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन इसी दौरान युवती के परिजन भी वहां पहुंच गए और विवाह रोकने की कोशिश की। दीवानगी इतनी परवान पर चढ़ गई थी की दोनों ने आपसी सहमति से भगवान को साक्षी मानकर एक दूसरे को पति पत्नी बना लिया।
कैसे हुई प्यार की शुरुआत
इस प्रेम कहानी की शुरुआत दिल्ली की एक निजी कंपनी से हुई, जहां इटावा निवासी 23 वर्षीय भोले शंकर और बिहार की 22 वर्षीय पन्ना कुमारी एक साथ काम करते थे। साथ काम करते हुए दोनों का रिश्ता दोस्ती से आगे बढ़ा और धीरे-धीरे यह गहरा प्रेम बन गया। करीब 10 महीने के प्रेम संबंध के बाद दोनों ने जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने का फैसला किया।
परिवार के विरुद्ध जाकर लिया फैसला
हालात तनावपूर्ण होते देख अधिवक्ता अमित त्रिपाठी ने दोनों पक्षों से बातचीत कर माहौल को शांत कराया। उनकी मध्यस्थता के बाद दोनों परिवारों की मौजूदगी में मंदिर परिसर में सादे रूप में विवाह संपन्न हुआ। विवाह के बाद मंदिर परिसर में लोगों की भीड़ जुट गई और मामला मीडिया तक पहुंच गया। अधिवक्ता अमित त्रिपाठी ने बताया कि दोनों ने आपसी सहमति से शादी की है और आगे चलकर इसकी विधिक प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी।
समझदारी से हुआ समाधान
विवाह प्रक्रिया के दौरान पन्ना कुमारी के परिजन भी वहां पहुंच गए और शादी रोकने की कोशिश की। स्थिति तनावपूर्ण हो गई, लेकिन अधिवक्ता अमित त्रिपाठी ने समझदारी से दोनों पक्षों से बात की और माहौल को शांत किया। उनकी मध्यस्थता में दोनों परिवारों की मौजूदगी में विवाह शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ।
समाज को संदेश
विवाह के बाद भोले शंकर ने कहा, “हम एक-दूसरे से सच्चा प्रेम करते हैं, और अब बहुत खुश हैं।” वहीं पन्ना ने कहा, “मेरे परिवार वाले शादी के खिलाफ थे, लेकिन मैंने अपने दिल की सुनी। आज हम एक हैं, यही हमारी सबसे बड़ी जीत है।”
अधिवक्ता अमित त्रिपाठी ने इस विवाह को समाज के लिए उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि समाज को जाति-पाति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है। अगर ऐसा होगा, तो कई युवा आत्मघाती कदम उठाने से बच सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।
