Exam की झंझट से मिलेगा छुटकारा, नोएडा में बनने जा रहा सबसे बड़ा हाईटेक स्काईवॉक, जानिए क्या कुछ है खास

नोएडा में यातायात व्यवस्था देखते हुए सरकार ने सेक्टर-62 और 63 के व्यस्त गोलचक्कर पर 400 मीटर लंबा स्काईवॉक बनाने का फैसला लिया है। हर दिन गुजरने वाले 50 हजार यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। इसमें लिफ्ट-एस्केलेटर जैसी सुविधाएं होंगी, जिससे ट्रैफिक और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

उत्तर प्रदेश के नोएडा में ट्रैफिक की परेशानी और सड़क पार करने में हो रहे खतरों को देखते हुए अब शहर में सबसे बड़ा स्काईवॉक बनने जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण ने यहां शहर का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे मॉडर्न स्काईवॉक बनाने का फैसला लिया है। इस स्काईवॉक की डीपीआर यानी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और प्राधिकरण ने इसे औपचारिक मंजूरी भी दे दी है। अब इसे आईआईटी को भेजा जाएगा, जहां से टेक्निकल अप्रूवल मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

50 हजार से ज्यादा यात्रियों को फायदा

यह स्काईवॉक खासतौर पर उन 50 हजार से ज्यादा यात्रियों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, जो हर दिन इस गोलचक्कर से गुजरते हैं। इस इलाके से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे भी जुड़ा है, जिसकी वजह से यहां लगातार ट्रैफिक का दबाव रहता है। स्काईवॉक बनने से लोगों को सड़क पार करते वक्त जान जोखिम में डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लिफ्ट-एस्केलेटर से लैस होगा स्काईवॉक

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, स्काईवॉक को पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। इसमें दोनों तरफ लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे, ताकि बुजुर्ग, दिव्यांग और भारी सामान ले जा रहे लोग भी आसानी से इसे इस्तेमाल कर सकें। इसका डिज़ाइन आकर्षक और मॉडर्न होगा। प्राधिकरण का दावा है कि यह सिर्फ एक पैदल पुल नहीं, बल्कि नोएडा की नई पहचान बन जाएगा।

इतना ही नहीं स्काईवॉक के पास मौजूद एक छोटे से पार्क को भी नए अंदाज़ में क्रिएटिव बनाया जाएगा। वहां बैठने की व्यवस्था, हरियाली, लाइटिंग और मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे यात्रियों को कुछ पल सुकून से बिताने का मौका मिलेगा।

40 करोड़ की लागत से होगा निर्माण

प्राधिकरण का कहना है कि जैसे ही इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी और उपयुक्त कंपनी का चयन होगा, वैसे ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस स्काईवॉक के बनने से न सिर्फ पैदल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि गोल चक्कर से गुजरने वाले वाहनों को भी ट्रैफिक से राहत मिलेगी। यह प्रोजेक्ट न केवल नोएडा की स्मार्ट सिटी की दिशा में एक और कदम है, बल्कि लोगों के जीवन को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में भी बड़ा बदलाव है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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