Jaipur में 100 साल पुरानी संगमरमर शिला से बना भव्य राम दरबार राम मंदिर में होगा स्थापित, गंगा दशहरा पर होगी प्राण-प्रतिष्ठा

गंगा दशहरा के पावन अवसर पर अभिजात मुहूर्त में राम दरबार की विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। 11 विद्वान आचार्य, देशभर से आमंत्रित किए गए हैं जो राम मंदिर की शोभा बढ़ाएंगे।राम दरबार को जयपुर में पांडे परिवार ने बनाया है।

जयपुर में बनकर तैयार राम दरबार

अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के प्रथम तल पर जयपुर में बने भव्य राम दरबार को स्थापित किया जाएगा। यह राम दरबार जयपुर के प्रसिद्ध पांडे मूर्तिकार परिवार द्वारा तैयार किया गया है। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर 3 से 5 जून तक चलने वाले वैदिक अनुष्ठानों के दौरान इसकी विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इस अवसर के लिए देशभर से 11 विद्वान आचार्य आमंत्रित किए गए हैं।

चार पीढ़ियों से मूर्ति बना रहा है पांडे परिवार

जयपुर के रहने वाले पांडे परिवार मूर्तिकला के क्षेत्र में चार पीढ़ियों से मूर्तियां बना रहे हैं। इस परंपरा की शुरुआत परिवार के संस्थापक रामेश्वरलाल पांडे को मिले “राम दर्शन” के स्वप्न के बाद हुई थी। आज उनके वंशज सत्यनारायण पांडे, प्रशांत पांडे और पुनीत पांडे इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। राम दरबार के अलावा, उन्होंने कुल 19 संगमरमर मूर्तियां अयोध्या के लिए तैयार की हैं।

संगमरमर की 100 साल पुरानी शिला का प्रयोग

राम दरबार की सभी मूर्तियां शुद्ध सफेद मकराना संगमरमर से बनी हैं, जिसकी शिला लगभग 100 साल पुरानी है।

राम दरबार के लिए भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी की सफेद मकराना संगमरमर मूर्ति बनाई गई है। अपनी जीवंत वस्त्र शैली, आभूषण, केश सज्जा और भाव-भंगिमा के लिए खास हैं। देखने वाले श्रद्धालु इन मूर्तियों को देखकर भावविभोर हो जाते हैं।

पांडे परिवार ने मिलकर राम दरबार के साथ-साथ कुल 19 संगमरमर मूर्तियों को अयोध्या के लिए बनाया है। इन मूर्तियों में प्रवेश द्वार के हाथी-शेर, गणेशजी, सप्तऋषि मंडल, शबरी, निषादराज, और अहिल्या की प्रतिमाएं भी शामिल हैं।

अयोध्या रवाना हुई मूर्तियां

21 मई को सभी मूर्तियों को कड़ी सुरक्षा के साथ जयपुर से अयोध्या रवाना किया गया था। अब 3 से 5 जून तक वैदिक अनुष्ठान के साथ प्राण-प्रतिष्ठा होगी।

देश-विदेश में बना चुके हैं मूर्तियां

पुनीत पांडे ने बताया कि वे इस्कॉन, स्वामीनारायण संप्रदाय और अन्य कई देश-विदेश के मंदिरों के लिए भी मूर्तियां बना चुके हैं। राम दरबार की यह स्थापना उनके परिवार के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उपलब्धि है।

यह राम दरबार न केवल कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि रामभक्ति से जुड़े श्रद्धालुओं के लिए भी गौरव और आस्था का प्रतीक बन चुका है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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