Agra: 1990 की जातीय हिंसा पनवारी कांड का ऐतिहासिक फैसला, 36 दोषियों को सजा – पिछड़े वर्ग को मिला न्याय

पनवारी गांव के चोखेलाल जाटव की बारात पहुंचने पर जाट समाज के लोगों ने दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने का विरोध किया, जिससे विवाद ने जातीय हिंसा का रूप ले लिया। 34 साल बाद, स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट ने बुधवार को 36 आरोपियों को दोषी करार दिया।

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बहुचर्चित पनवारी कांड में 34 साल बाद न्याय मिला है। स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को 36 दोषियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने सुनाया है। यह केस न केवल कानूनी प्रक्रिया की लंबाई को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि न्याय में देर हो सकती है, लेकिन वह होता जरूर है।

शादी में घोड़ी चढ़ने पर हुआ था विवाद

साल 1990 में पनवारी गांव के चोखेलाल जाटव की बेटी मुंद्रा की 21 जून को शादी थी। बारात पहुंचने पर जाट समाज के लोगों ने दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने का विरोध किया, जिससे विवाद ने जातीय हिंसा का रूप ले लिया। 22 जून को पुलिस की मौजूदगी में दूल्हे की घुड़चढ़ी करवाई गई, लेकिन 5-6 हजार लोगों की भीड़ ने फिर बारात को घेर लिया।

24 जून को फिर भड़का दंगा

22 जून की घटना के बाद 24 जून को एक बार फिर हिंसा भड़क गई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे गुस्साई भीड़ ने दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया। इस हिंसा में सोनी राम नामक व्यक्ति की मौत हो गई। उसके बाद की झड़पों में एक महिला की जान गई और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हालात इतने बिगड़े कि पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लगाना पड़ा और पुलिस फोर्स के साथ सेना को तैनात करना पड़ा।

कोर्ट परिसर में भीड़, 27 आरोपी नहीं रहे, 15 बरी

34 वर्षों तक चली इस सुनवाई में धारा 147 (दंगा), 148 (हथियार से लैस होकर दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा), और 310 के तहत सभी दोषियों को सजा सुनाई गई है। सभी आरोपी अकोला क्षेत्र के निवासी है। कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों के परिजनों में नाराजगी देखी गई है और उन्होंने फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। पनवारी कांड में कुल 78 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 27 आरोपियों की मौत केस की लंबी सुनवाई के दौरान हो चुकी है। वहीं, सबूतों की कमी के कारण 15 लोगों को बरी कर दिया गया। लेकिन 36 लोगों को कोर्ट ने विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया और 5 साल की सजा सुनाई। कोर्ट परिसर के बाहर फैसले को लेकर भारी संख्या में लोग जमा हो गए थे, जिससे पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी सतर्कता बरत रहा है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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