Vande Bharat Train से कश्मीर जाने का सपना फिर टला, आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से चिनाब ब्रिज पर संचालन अटका

जम्मू-कश्मीर में ट्रेन से यात्रा करने की उम्मीद लगाए लोगों को एक बार फिर इंतजार करना पड़ेगा। घाटी में चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के संचालन की योजना फिलहाल टाल दी गई है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चिनाब ब्रिज सहित पूरे रेल रूट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जिस कारण ट्रेन सेवा शुरू होने में देरी हो सकती है।

देशभर से पर्यटक और स्थानीय लोग लंबे समय से उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के तहत चिनाब ब्रिज से होकर वंदे भारत ट्रेन के संचालन का इंतजार कर रहे हैं। यह परियोजना न केवल पर्यटन बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हालांकि अब सुरक्षा एजेंसियों ने चिनाब ब्रिज और कटरा-श्रीनगर रेलमार्ग की सुरक्षा बढ़ा दी है, जिससे संचालन से पहले और समीक्षा की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को इस रूट पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम की चेतावनी के कारण यह कार्यक्रम टाल दिया गया। इसके कुछ ही दिन बाद पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए गए हमले ने स्थिति और भी संवेदनशील बना दी है। आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों को निशाना बनाए जाने से स्पष्ट है कि वे घाटी के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। इसी वजह से अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या घाटी में वंदे भारत ट्रेन सुरक्षित तरीके से चलाई जा सकेगी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चिनाब ब्रिज और आसपास के क्षेत्र में रेलवे सुरक्षा बल (RPF), स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। सेना की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आतंकी किसी भी सूरत में इस रेललाइन को नुकसान न पहुंचा सकें। इसके लिए ब्रिज और रेल मार्ग के संवेदनशील हिस्सों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत-पाकिस्तान के बीच हालात और बिगड़ते हैं तो यूएसबीआरएल परियोजना सामरिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी। ऐसे में इस मार्ग पर किसी भी प्रकार का खतरा उठाना सेना और सरकार के लिए मुमकिन नहीं होगा।

फिलहाल वंदे भारत ट्रेन के संचालन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा समीक्षा पूरी होने तक यह तय माना जा रहा है कि आम यात्रियों को कुछ और समय के लिए इंतजार करना होगा। स्थानीय लोगों और पर्यटकों की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि हालात कब सामान्य होंगे और वे ट्रेन से कश्मीर की वादियों का सफर कब शुरू कर पाएंगे।

सरकार और रेलवे प्रशासन की प्राथमिकता फिलहाल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। जब तक खतरे की पूरी तरह से समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक इस अत्याधुनिक रेल सेवा की शुरुआत नहीं की जाएगी। घाटी में शांति बहाल होने और सुरक्षा स्थिति सामान्य होने के बाद ही ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई जाएगी।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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