BPSC ने शनिवार को कहा है कि उसने ‘राजनेताओं समेत कई व्यक्तियों’ को कानूनी नोटिस जारी कर दिया है. आयोग की ओर से ये नोटिस उन लोगों को जारी किया गया है. जिन्होंने 13 दिसंबर को राज्य भर में आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा को लेकर विवाद में निकाय के खिलाफ ‘निराधार’ आरोप लगाए हैं. BPSC के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने एक एजेंसी को जानकारी देते हुए बताया कि ‘आयोग ने राजनेताओं, कोचिंग सेंटरों से जुड़े कुछ लोगों सहित कई व्यक्तियों को नोटिस भेजा है. जिन्होंने BPSC के खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं. जल्द ही आयोग की ओर से कुछ और भी नोटिस भेजे जाएंगे.’
परीक्षा नियंत्रक ने नामों का नहीं किया खुलासा
फिलहाल परीक्षा नियंत्रक ने उन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया हैं, जिन्हें नोटिस भेजा गया है. मगर जन सुराज पार्टी के उपाध्यक्ष वाई वी गिरी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि नोटिस प्राप्त करने वालों में से एक पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर हैं, जो आमरण अनशन के बाद स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. गिरि ने कहा कि ‘नोटिस गलत तरीके से लिखा गया है और इसे नज़रअंदाज कर दिया जाना चाहिए.’
BPSC द्वारा प्रशांत किशोर को भेजा गया ये नोटिस
वहीं BPSC द्वारा जारी किए गए नोटिस में प्रशांत किशोर से कहा गया है कि वे एकीकृत 70वीं CCE में गड़बड़ी के बारे में अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए 7 दिनों के भीतर ‘अकाट्य और सत्यापन योग्य सबूतों और साक्ष्यों की पूरी डिटेल’ दें. नोटिस में किशोर पर मानहानिकारक और निराधार बयान देने का भी आरोप लगाया गया है. नोटिस की मानें तो किशोर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में आरोप लगाया है कि ‘बच्चों की नौकरियां 1 करोड़ रुपये से 1.5 करोड़ रुपये में बेची गई’ और दावा किया है कि ये घोटाला ‘1,000 करोड़ रुपये से अधिक’ का है.
यूट्यूबर खान सर को भी BPSC ने भेजा नोटिस
नोटिस पाने वाले अन्य व्यक्ति में पटना के ट्यूटर और यूट्यूबर खान सर भी शामिल हैं, जिन्होंने BPSC की कार्रवाई पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. खान सर ने कहा है कि ‘हां मुझे विरोध कर रहे BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में दिए गए मेरे भाषणों के लिए BPSC से कानूनी नोटिस मिला है. मैं अपने वकीलों से सलाह लेने के बाद जल्द ही अपना जवाब भेजू दूंगा लेकिन एक बात मैं कहना जरूर चाहूंगा कि मैं छात्रों के हित के लिए हमेशा लड़ता रहूंगा. हम 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं से संबंधित मुद्दे को लेकर पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं.’
