700 से ज्यादा विकेट, धोनी के बराबर शतक, सचिन से ज्यादा प्लेयर ऑफ द सीरीज, अश्विन की दिलचस्प बातें

अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है. अश्विन ने ब्रिस्बेन में तीसरे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट के अंत में अपने फैसले का खुलासा किया, जो बारिश के कारण ड्रॉ रहा. अश्विन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रारूपों में एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में यह मेरा आखिरी दिन होगा. मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में मुझमें अभी भी कुछ दमखम बाकी है, लेकिन मैं क्लब स्तर के क्रिकेट में इसे उजागर करना और शायद दिखाना चाहूंगा. इसी के साथ अश्विन के उन कारनामों की भी चर्चा हो रही है. जिनका अब टूटना मुश्किल होगा. तो चलिए इस रिपोर्ट में हम आपको अश्विन के करियर की कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं..

दुनिया के 11 ऑलराउंडरों में से एक

अश्विन टेस्ट में 3000 रन और 300 विकेट का डबल हासिल करने वाले दुनिया के 11 ऑलराउंडरों में से एक थे.

प्लेयर ऑफ द सीरीज के खिताब

अश्विन ने अपने करियर में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से ज्यादा प्लेयर ऑफ द सीरीज के खिताब जीते. सचिन ने अपने रियर में केवल 6 बार ये कारनामा किया था. जबकि अश्विन ने मुथैया मुरलीधरन के बराबर रिकॉर्ड 11 प्लेयर-ऑफ-द-सीरीज पुरस्कार भी जीते. मतलब अश्विन ने सचिन से 5 बार ये खिताब ज्यादा बार जीता.

116 वनडे मैच और 65 टी20 मैच खेले

टेस्ट के साथ-साथ अश्विन ने भारत के लिए 116 वनडे मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 156 विकेट लिए. साथ ही अश्विन 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीमों के सदस्य रहे. अश्विन ने 65 टी20 मैच भी खेले और 72 विकेट चटकाए हैं.

106 टेस्ट मैचों में लिए 537 विकेट

अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 24 की औसत से 537 विकेट लेकर अपने करियर का अंत किया. दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे लेकिन गेंद के साथ-साथ अश्विन ने बल्ले से भी अपना दम दिखाया और पूर्व कप्तान एमएस धोनी के बराबर 6 टेस्ट शतक और 14 अर्द्धशतक भी लगाए. इससे उनके खेल का अंदाजा लगाया जा सकता है

क्रिकेट को अश्विन ने बनाया जुनून

38 साल के रविचंद्रन अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को चेन्नई के मायलापुर में हुआ था. उनके पिता रविचंद्रन खुद एक क्लब क्रिकेटर और तेज गेंदबाज थे. अश्विन पढ़ाई में भी काफी तेज थे. उन्होंने चेन्नई से स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से IT में ग्रेजुएशन किया. हालांकि उन्होंने इंजीनियरिंग को अलविदा कह क्रिकेट को अपना जुनून बना लिया.

ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में की शुरुआत

बहुत कम लोग जानते हैं कि अश्विन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत एक ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में की थी. बाद में उन्होंने मीडियम पेस गेंदबाजी भी की. उनके बचपन के कोच सीके विजय ने बाद में उन्हें ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने की सलाह दी. इसके पीछे दो कारण थे.. पहला अश्विन की लंबाई 6 फीट 2 इंच थी, जो ऑफ स्पिन के लिए उपयुक्त मानी जाती है और दूसरा ये कि अंडर-16 क्रिकेट के दौरान उन्हें एक चोट लगी थी. जिसके बाद अश्विन को दौड़ने में दिक्कत होने लगी थी. इसलिए उनके कोच ने उन्हें स्पिन गेंदबाजी करने का सुझाव दिया गया और तेज गेंदबाज से स्पिनर बन गए थे. लेकिन अश्विन का करियर जिस तरह का रहा है. अश्विन ने अपने करियर में जिस मुकाम को हासिल किया है.जिस तरह का खेल उन्होंने गेंद और बल्ले से दिखाया था. उसे हमेशा याद किया जाएगा और उन्हें भारतीय क्रिकेट का एक महान खिलाड़ी माना जाएगा.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra