घर का किचन पूरे घर में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. वास्तु के अनुसार किचन हमेशा सही दिशा में बना होना चाहिए. घर के किचन के लिए दक्षिण दिशा अशुभ मानी जाती है. ऐसे में इस दिशा में किचन होने से कुछ उपाय आजमाकर वस्तु दोष को दूर किया जा सकता है.
घर का किचन
पूरे घर में किचन सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. वास्तु के अनुसार घर का किचन हमेशा सही दिशा में ही होना चाहिए.
ये दिशा अशुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो घर का किचन दक्षिण मुखी हो तो, ये अशुभ माना जाता है.
ऐसे में क्या करें?
अब ऐसे में सवाल ये उठता है, कि जिसका किचन दक्षिण दिशा में हो, तो इससे क्या होता है? और वो क्या करें?
वास्तु दोष
वास्तु शास्त्र के अनुसार हम आपको बताएंगे कि, अगर किचन दक्षिण दिशा में हो तो, उससे जुड़े वस्तु दोष को कैसे दूर किया जाए. इसके लिए क्या उपाय किए जाएं.
दक्षिण दिशा में किचन होना
घर में अगर दक्षिण दिशा में किचन है, तो इसे काफी अशुभ माना जाता है. वास्तु के अनुसार इससे घर में दरिद्रता बढ़ती है, और सेहत भी खराब होती है.
आर्थिक तंगी
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में किचन होना और दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाना पकाने से घर में आर्थिक तंगी बढ़ती है.
किस दिशा में हो चूल्हा?
दक्षिण में किचन होने के बावजूद चूल्हे को दक्षिण पूर्व कोने में या पूर्व दिशा की तरफ रखना चाहिए. इससे वास्तु दोष कम किया जा सकता है.
इस दिशा में जो मुंह
दक्षिण दिशा में किचन होने के बावजूद खाना पकाते समय आपका मुंह पश्चिम या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.
बर्तन धोने का सिंक
वास्तु दोष को कम करने के लिए किचन में बर्तन धोने का सिंक हमेशा उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
