पुणे टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को 113 रनों से हरा दिया है. इस सीरीज में हार के साथ ही भारतीय टीम 12 साल बाद कोई सीरीज घर में हारी है. 18 टेस्ट सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम का विजयरथ भी इस हार के साथ थम गया. वहीं न्यूजीलैंड ने पहली बार टीम इंडिया को सीरीज में उसकी सरजमीं पर रौंद दिया है. इस मैच में जैसे भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने पहली पारी के बाद दूसरी पारी में भी मिचेल सेंटनर के सामने सरेंडर किया, उसे देखकर ऐसा लगा कि मानो शायद अब टीम इंडिया को स्पिन खेलने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत है क्योंकि जिस स्पिन को खेलने के भारतीय बल्लेबाज महारथी माने जाते हैं, उसी स्पिन के सामने भारतीय बल्लेबाज सरेंडर कर बैठे हैं. बता दें कि न्यूजीलैंड की टीम की तरफ से इस मैच में हीरो मिचेल सेंटनर रहे. मिचेल ने मैच में कुल 13 विकेट पूरे किए.
ऐसी धराशाई हुई रोहित ब्रिगेड
दूसरी पारी में 359 रनों को चेज करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत ठोस थी लेकिन रोहित शर्मा एक बार फिर सस्ते में महज 8 रन बनाकर सेंटनर की गेंद पर आउट हो गए. उस समय भारतीय टीम का स्कोर महज 34 रन हुआ था. इसके बाद गिल (23) ने जायसवाल के साथ टीम को संभलना शुरू किया लेकिन जायसवाल लंच के तुरंत बाद तीसरे दिन सेंटनर की फिरकी में फंसकर अपना विकेट गवां बैठे. पूरी पारी के दौरान जायसवाल अच्छे टच में नजर आ रहे थे मगर वह भी 77 रन पर सेंटनर की फिरकी में फंसकर आउट हो गए. इसके बाद इसी स्कोर पर यानी 127 पर पंत (0) रन आउट हुए. जो कहीं से भी टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से रन नहीं था. कोहली और पंत में रन दौड़ते हुए कोई तारतम्य नहीं दिखा. पंत के रन आउट होने के बाद विराट (17) से बड़ी पारी की उम्मीद थी मगर कोहली भी सेंटनर की गेंद पर LBW आउट हो गए. जब कोहली आउट हुए तब भारतीय टीम का स्कोर 147/5 था. इसके बाद सेंटनर का मैजिक एक बार फिर चला और सरफराज खान (9) को क्लीन बोल्ड कर दिया. सेंटनर की गेंद पर सरफराज और कोहली जिस तरह आउट हुए, ऐसा लगा कि शायद भारतीय खिलाड़ी स्पिन खेलना भूल गए हैं. भारत का 7वां विकेट वॉशिंटन सुंदर (21) के रूप में गिरा, जो ग्लेन फिलिप्स की गेंद पर शॉर्ट लेग पर विल यंग को कैच थमा बैठे. इसके बाद जडेजा और अश्विन ने भारतीय पारी को संभालने की भरकस कोशिश की लेकिन वह एक ओर खड़े रहे और दूसरी ओर से अश्विन (18) 206 के स्कोर पर पवेलियन चलते बने. फिर टेलेंडर आकाश दीप और रवींद्र जडेजा ने भी सरेंडर कर दिया. इस तरह भारत को न्यूजीलैंड के सामने अपनी ही सरजमीं पर पहली बार हार का स्वाद चखना पड़ा.
टूट गया भारत का 2008 वाला सपना
भारत को घरेलू मैदान पर 300+ टारगेट का चेज करने का मौका 26 बार मिला लेकिन उसने इसे सफलता पूर्वक केवल एक बार ही पूरा किया. ये मैच 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ था जब भारतीय टीम ने 387 रन इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में बनाए थे. भारतीय टीम ने एक बार फिर 12 साल बाद अपने घर पर टेस्ट सीरीज गंवाई है. इससे पहले भारतीय टीम को दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-2 से हार मिली थी.
