नेता प्रतिपक्ष को जैसे विवादित बयान देने की आदत हो गई है. पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान जमकर हमला बोला था. जिसके बाद बीजेपी ने भी पलटवार किया था और सियासी बवाल मच गया था. वहीं एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सिखों को लेकर एक विवादित बयान दे डाला है. जिसके बाद एक बार फिर सियासी बवाल शुरू हो गया है.
सिखों के भारत में पगड़ी पहनने पर दिया विवादित बयान
अमेरिका के वर्जीनिया में राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने दर्शकों के बीच से बैठे एक सिख शख्स से पूछा कि ‘मेरे पगड़ीधारी भाई, आपका क्या नाम है.’ इसके बाद राहुल गांधी ने भारत में रह रहे सिख समुदाय को लेकर कहा कि ‘लड़ाई इस बात की है कि भारत में एक सिख समुदाय के शख्स को पगड़ी और कड़ा पहनने का अधिकार है, या नहीं. एक सिख गुरुद्वारे जा सकता है, या नहीं. लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है.’ राहुल का यही वाला बयान वायरल हो रहा है.
साल 2021 में आई रिपोर्ट ने राहुल को झूठा साबित किया
राहुल के बयान के बाद जहां एक ओर सियासी गहमागहमी शुरू हो गई हैं. तो वहीं दूसरी ओर सिख समाज में भी राहुल के विवादित बयान के बाद आक्रोश है. वहीं इन सबके बीच राहुल गांधी के बयान को धता बताती हुई एक रिपोर्ट सामने आ गई है. ये सर्वे रिपोर्ट बताती है कि करीब 95 फीसदी सिखों को भारतीय होने पर काफी गर्व महसूस होता है. इतना ही नहीं बहुमत यानी 70 फीसदी सिख मानते हैं कि जो शख्स भारत का अनादर करता है. वो सिख हो ही नहीं सकता. वहीं भारत के अन्य धार्मिक समूहों की तरह अधिकांश सिखों को नहीं लगता है कि बड़े पैमाने पर उनके समुदाय के साथ भेदभाव होता है. वहीं ये रिपोर्ट साल 2021 में पब्लिश हुई थी. ये सर्वे 2019 से 2020 के बीच हुआ था. महज 14 फीसदी सिखों ने इस सर्वे में माना था कि भारत में सिखों के साथ भेदभाव होता है. मगर अधिकतर सिखों के अनुसार उन्हें भारत में कोई भेदभाव नहीं दिखाई देता है.
