Rahul Gandhi की भारत जोड़ो यात्रा के बाद DOJO यात्रा, क्या है इसके पीछे की मकसद, पढ़ें Inside स्टोरी

लोकसभा चुनाव 2024 में अपना दम दिखाने के बाद अब कांग्रेस जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी में हैं. इन विधानसभा चुनावों की तैयारी भी कोई आम तैयारी नहीं है बल्कि बीजेपी को औंधे मुंह पटकने की है. इसके तहत राहुल गांधी ने एक तगड़ा दांव भी चल दिया है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल चुके राहुल गांधी अब जल्द ही ‘भारत डोजो यात्रा’ निकालने जा रहे हैं. आमतौर पर ‘डोजो’ मार्शल आर्ट के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर या स्कूल को कहा जाता है.

डोजो आज एक कम्युनिटी एक्टिविटी बन चुकी- राहुल

आमतौर पर ‘डोजो’ मार्शल आर्ट के लिए एक प्रशिक्षण कक्ष या स्कूल को कहा जाता है. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस साल की शुरुआत में निकाली गई ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का एक वीडियो शेयर किया है. उसमें राहुल बच्चों को मार्शल आर्ट की बारीकियां समझा रहे हैं. राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट के कैप्शन में लिखा- ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान, जब हमने हजारों किलोमीटर का सफर किया तो हर शाम जिउ-जित्सु की प्रैक्टिस को अपने डेली रुटीन का हिस्सा बनाया. जिउ-जित्सु आर्ट फिट रहने के एक सरल तरीके के रूप में शुरू हुई थी. आज जिउ-जित्सु आर्ट एक कम्युनिटी एक्टिविटी बन चुकी है.’

पीएम मोदी के अंदाज में नजर आए राहुल

मोदी जिस तरह से युवाओं से कनेक्ट करते हैं. उसी अंदाज में अपनी बात आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘इस जापानी प्रैक्टिस को लेकर हमारा मकसद युवाओं को योग-ध्यान के अलावा जिउ-जित्सु, ऐकिडो और अहिंसक संघर्ष की तकनीकों के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण ‘जेंटल आर्ट’ की सुंदरता से परिचित कराना था. नेशनल स्पोर्ट्स डे के मौके पर मैं अपना अनुभव साझा करना चाहता हूं. मुझे उम्मीद है कि लोग इस बेहद शानदार मार्शल आर्ट के ‘सौम्य रूप’ का अभ्यास करने के लिए प्रेरित होंगे.’

क्या होता है जिउ जित्सू?

जिजुत्सु कहें या जुजुत्सु ये मार्शल आर्ट फैमिली का एक हिस्सा है. ये एक जापानी डिफेंस कला है. इस आर्ट में पारंगत शख्स तलवार और ढ़ाल लिए दुश्मन को बिना किसी हथियार के पटखनी देता है. इसका हिंदी अनुवाद ‘सौम्य कला’ है. जिजुत्सु का एक मतलब नरम यानी कोमल भी होता है. वहीं इत्सु का मतलब ‘तकनीक’ होता है.

क्या होता है ऐकिडो?

जुजुत्सु की ही एक शाखा ऐकिडो है. मार्शल आर्टिस्ट मोरीहेई उएशिबा ने इसे 20वीं सदी की शुरुआत में विकसित किया था. ऐकिडो का शाब्दिक अर्थ है – ‘ऊर्जा में सामंजस्य स्थापित करने का तरीका’. इसे एनर्जी बैलेसिंग से जोड़ा जाता है. एकिडो की रेमिडी में जानलेवा और घातक अटैक नहीं किया जाता है. इसका लक्ष्य प्रतिद्वंद्वी को चोट न पहुंचाते हुए स्वयं का बचाव करना होता है. इस तरह प्रतिद्वंद्वी की ताकत खत्म करके मुकाबला समाप्त करने पर जोर दिया जाता है. उएशिबा की सीख के अनुसार ऐकिडो में महारथ रखने वाले शख्स का प्राथमिक लक्ष्य खुद पर काबू पाना होता है. ना कि हिंसा या आक्रामक होकर दूसरों को मारना होता है. यही कारण है कि ऐकिडो के कंपटीशन का भौंड़ा प्रदर्शन नहीं होता.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra