चीन की नींद उड़ाने का बनाया इंडियन नेवी ने प्लान, चल दिया सबसे बड़ा ‘ब्रह्मास्त्र’

भारतीय नौसेना की ताकत में जल्द ही इजाफा होने वाला है. इसका कारण ये है कि भारत जल्द ही दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को कमीशन करने जा रहा है. नौसेना बेड़े में इस पनडुब्बी के शामिल होने से जहां एक ओर सेना की ताकत बढ़ेगी. वहीं दूसरी ओर भारत को चीन की हर कूटनीतिक चाल को मात देने में भी कामयाबी मिलेगी. परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. ये अरिहंत क्लास न्यूक्लियर पावर से लैस सबमरीन है.

अरिहंत क्लास न्यूक्लियर पावर से लैस सबमरीन

परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. ये अरिहंत क्लास न्यूक्लियर पावर से लैस सबमरीन है. इसमें 750-किमी रेंज की K-15 मिसाइलें होंगी. ये पनडुब्बी चीन के समुद्री विस्तार पर लगाम के मद्देनजर बनाई गई है. भारत ने दो नई परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की योजना भी बनाई है, जो एक दशक में तैयार होंगी. भारत में दो और न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन के निर्माण से प्रोजेक्ट को भी अंतिम मंजूरी मिलने वाली है.

आईएनएस अरिघात की खासियतें

अरिहंत श्रेणी की दूसरी मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघात के ब्लेड प्रोपेलर जल रिएक्टर से संचालित होंगे. यह पनडुब्बी पानी की सतह पर 12-15 समुद्री मील (22-28 किमी/घंटा) की अधिकतम गति से चल सकती है. आईएनएस अरिघात समुद्र की गहराई में 24 समुद्री मील (44 किमी/घंटा) की गति से चल सकती है. इस पनडुब्बी पर आठ लांच ट्यूब होंगे. परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात 750 किलोमीटर रेंज वाली 24के-15 सागरिका मिसाइलों या 3,500 किलोमीटर की रेंज वाली 8के-4 मिसाइल तक ले जा सकती है.

समुद्र के अंदर नौसेना की बढ़ेगी ताकत 

समुद्र के अंदर भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने की तैयारी जोरों पर चल रही है. भारत इसके लिए 3 कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां हासिल करेगा. इस साल के अंत तक तीनों पनडुब्बियां नौसेना के लिए बननी शुरू हो जाएंगी. मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में ये पनडुब्बियां बनाई जाएंगी. इस परियोजना के तहत इन पनडुब्बियों को बनाने में फ्रेंच नेवल ग्रुप मदद कर रहा है. मझगांव डॉकयार्ड में बनाई जाने वाली अतिरिक्त पनडुब्बियों में 60 प्रतिशत तक भारतीय सामग्री होगी.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra