पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों हुई एक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. जहां कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक लेडी डॉक्टर से दरिंदगी का मामला सामने आया था. अस्पताल के सेमिनार रूम में शुक्रवार सुबह महिला डॉक्टर मृत पाई गईं थीं. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया आरोपी
पुलिस ने आरोपी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा दिया है.भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने सियालदह अदालत में पेश किया था. आरोपी से पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत की मांग की गई थी. अभियोजन पक्ष के अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने आरोपी को 23 अगस्त तक 14 दिन की पुलिस हिरासत में आरोपी को भेज दिया है. बता दें कि प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता की हत्या से पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था. इस दौरान उसके साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार हुआ था.
संस्थान के बाहर का है आरोपी
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी संस्थान से बाहर का है. आरोपी मेडिकल कॉलेज के ज्यादातर डिपार्टमेंट में आसानी से आता-जाता था. पकड़े गए आरोपी की गतिविधियां काफी संदिग्ध हैं. आरोपी सीधे तौर पर अपराध में शामिल प्रतीत होता है. पुलिस को जांच के दौरान ब्लूटूथ ईयरबड का एक फटा हुआ हिस्सा मिला था. इस सुराग के जरिए पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई. कई डॉक्टरों ने भी सीसीटीवी से अपराधी की पहचान की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपी का नाम संजय रॉय बताया जा रहा है. संजय पेशे से सिविक वालंटियर है. सिविक वालंटियर संविदा कर्मचारी होते हैं. जो कि ट्रैफिक प्रबंधन के लिए संबंधित पुलिस इकाइयों में पुलिसकर्मियों की मदद करते हैं. सिविक वालंटियर राज्य में प्रमुख त्योहारों के दौरान और उन स्थानों पर भी पुलिस की सहायता करते हैं. जहां वाहनों की अनधिकृत पार्किंग होती है.
रेजिडेंट डॉक्टरों का गुस्सा और मांग जायज- सीएम
इस वारदात पर वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति जैसा है. रेजिडेंट डॉक्टरों का गुस्सा और उनकी सभी मांगे जायज हैं. मैं इसका समर्थन करती हूं. पुलिस ने भी डॉक्टरों की मांगें मान ली हैं. मैंने पीड़ित परिवार से बात की है. उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.” मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ”मैंने इस मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने का निर्देश दिया है. हालांकि मैं फांसी की सजा का समर्थक नहीं हूं लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो आरोपियों को फांसी दी जाएगी. दोषियों को को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. हमने यह सुनिश्चित किया है कि इस घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक भी डॉक्टर को कोई भी समस्या न हो.”
