सरकारी शिक्षकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए विभाग ने डिजिटल अटेंडेस की शुरूआत की. विभाग द्वारा यूपी के बेसिक, कंपोज़िट और कस्तूरबा स्कूलों में 8 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस की शुरुआत हो गई है. मगर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लागू की गई डिजिटल अटेंडेंस की नीति सरकारी शिक्षकों को रास नहीं आ रही है. शिक्षकों द्वारा विभाग की इस नीति का कड़ा विरोध किया जा रहा है. साथ ही शिक्षक इसे काला कानून बताते हुए सड़को पर उतर आए हैं. पहले दिन महज 2.60 फीसदी सरकारी शिक्षकों ने ही ऑनलाइन अटेंडेंस से हाजिरी लगाई. वहीं इस पूरे मामले में शिक्षक संगठनों का कहना है कि जब तक ऑनलाइन हाजिरी से राहत नहीं मिलती तब तक विरोध जारी रहेगा. आपको बता दें कि पहले इसके लिए 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी. शिक्षक संघ ने इस आदेश पर अपना विरोध दर्ज कराया है. हालांकि कहा गया था कि अन्य सभी पंजिकाएं 15 जुलाई से डिजिटल रूप में अपडेट की जाएंगी.
डिजिटल अटेंडेस का विरोध कर रहे शिक्षक
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी और गैरमौजूदगी पर लगाम लगाने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है. इस व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से सभी स्कूलों में दो-दो टेबलेट उपलब्ध करवाए गए हैं, जिसके माध्यम से टीचर स्कूल खुलने के 15 मिनट पहले और बंद होने के 15 मिनट के बाद तक प्रेरणा ऐप से डिजिटल हाजिरी लगानी है. शिक्षक इसी का विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि पहले उनकी जो मांगें हैं उन्हें पूरी की जाए. शिक्षकों ने सोमवार को स्कूलों में पढ़ाया तो लेकिन काली पट्टी बांधकर.
क्या है डिजिटल अटेंडेंस
ऑनलाइन हाजिरी के लिए अगर स्कूल सुबह 8 बजे से खुल रहा है तो टीचर्स को 7.30 से 7.45 बजे के बीच अपनी फोटो टेबलेट से लेकर प्रेरणा ऐप पर अपलोड करनी होगी. लेकिन खास बात ये है कि ऐप इसी समय अंतराल पर एक्टिव रहेगा और वह भी स्कूल परिसर में होने पर ही अटेंडेंस के लिए इनेबल रहेगा. छुट्टी के समय भी यही व्यवस्था रहेगी. प्रेरणा एप 2.30 बजे से 2.45 के बीच ही खुलेगा. शिक्षक को फोटो अपलोड करनी होगी. तभी हाजिरी पूरी मानी जाएगी. हालांकि शिक्षकों के विरोध के बाद आधे घंटे का ग्रेस टाइम दिया गया है. यानी अब साढ़े 8 बजे तक अटेंडेंस लगाई जा सकती है. इस व्यवस्था के अंतर्गत 1.33 लाख बेसिक, कंपोजिट व कस्तूरबा विद्यालय प्रदेश में शिक्षक है और 6 लाख से अधिक शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक आते हैं
शिक्षकों के मुताबिक लागू की गई व्यवस्था गलत
डिजिटल हाजिरी को लेकर शिक्षकों का विरोध कई बिंदुओं पर है. उनका कहना है कि जिस समय यह व्यवस्था लागू की गई है वह गलत है. बारिश का मौसम है. कहीं बाढ़ में स्कूल डूबे हैं तो कहीं रास्ते. ऐसे में समय पर कैसे पहुंचेंगे. इसलिए शिक्षकों की मांग है कि हाफ सीएल की व्यवस्था हो और ऐप 24 घंटा खुला रहे. चार दिन देरी पर एक कैज़ुअल लव काट ली जाए. शिक्षकों की यह भी मांग है कि आपात स्थिति में हाजिरी में ढील दी जाए. शिक्षकों का कहना है कि छुट्टी के वक्त की तय समय सीमा गलत है. अगर कोई इमरजेंसी आ गई तो शिक्षक कैसे जाएगा. इतना ही नहीं ऐप लोकेशन भी कई जगह गलत बता रहा है. एक दो मिनट की देरी में हाजिरी नहीं लगेगी.
