Operation Sindoor के बाद पाकिस्तान की बड़ी चाल, डेप्थ एरिया में छिपाए ठिकाने, 72 लॉन्चपैड एक्टिव

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बेहद सावधानी से कदम उठा रहा है। भारतीय कार्रवाई के बाद उसने अपनी रणनीति बदलते हुए छह दर्जन से अधिक आतंकी लॉन्चपैड्स को सीमा के करीब से हटाकर अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट कर दिया है। सर्दियों में घुसपैठ बढ़ाने के उद्देश्य से पाकिस्तान ने नया ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसके तहत जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के आसपास 72 लॉन्चपैड सक्रिय रखे गए हैं। इनका इस्तेमाल सभी आतंकी संगठन जरूरत पड़ने पर कर रहे हैं।

बीएसएफ का दावा-लॉन्चपैड डेप्थ एरिया में शिफ्ट

बीएसएफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान सरकार ने अपने रेंजर्स और सेना को निर्देश दिए कि सभी लॉन्चपैड्स को डेप्थ एरिया यानी रिहायशी और अंदरूनी इलाकों में ले जाया जाए। पाकिस्तान घने कोहरे का फायदा उठाकर घुसपैठ कराने की फिराक में है। इन रिपोर्ट्स के बाद बीएसएफ ने सीमा पर गश्त और निगरानी को और मजबूत कर दिया है। जवान और महिला सैनिक दिन-रात सीमा पर सुरक्षा में जुटे हैं।

डेप्थ एरिया से संचालित हो रहे आतंकी ठिकाने

बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यदि सरकार क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन दोबारा शुरू करने का फैसला करती है, तो फोर्स दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उनका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर के कई लॉन्चपैड नष्ट कर दिए गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान ने उन्हें सियालकोट और जफरवाल के डेप्थ एरिया में शिफ्ट कर दिया। करीब 12 लॉन्चपैड वहां से सक्रिय हैं, जबकि अन्य 60 लॉन्चपैड भी सीमा से दूर सुरक्षित इलाकों में चल रहे हैं।

लॉन्चपैड की गतिविधियां लगातार बदलती रहती हैं

डीआईजी विक्रम कुंवर ने बताया कि इन लॉन्चपैड्स की संख्या और उनमें मौजूद आतंकियों की तादाद समय-समय पर बदलती रहती है। आतंकी वहां हमेशा नहीं रहते, बल्कि तब सक्रिय होते हैं जब उन्हें भारत में भेजना होता है। आमतौर पर एक जगह दो से तीन ग्रुप ही रखे जाते हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि सीमा के पास फिलहाल कोई ट्रेनिंग कैंप नहीं है, जबकि पहले जैश और लश्कर के अलग-अलग इलाके तय थे, अब दोनों का एक संयुक्त ग्रुप बना दिया गया है।

बीएसएफ ने घुसपैठ रोकने की तैयारियां तेज कीं

बीएसएफ के आईजी शशांक आनंद ने कहा कि यदि सरकार ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदम फिर से उठाती है, तो फोर्स पूरी क्षमता के साथ आदेश मानने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने 1965, 1971, कारगिल युद्ध और हालिया ऑपरेशन सिंदूर तक हर स्थिति में अपनी ताकत साबित की है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान अभी भी ऑपरेशन के नुकसान से उबर नहीं पाया है और कुछ इलाकों में अपने डिफेंस मजबूत कर रहा है, लेकिन उसकी हर गतिविधि पर भारत की नजर बनी हुई है। फिलहाल सीमा पर किसी आतंकी हलचल का खतरा दिखाई नहीं दे रहा है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra