बिहार के समस्तीपुर जिले में शनिवार (8 नवंबर) को उस समय हड़कंप मच गया जब सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में सड़क किनारे बड़ी संख्या में VVPAT पर्चियां पाई गईं। इन पर्चियों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। यह मामला सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। आरजेडी ने इस घटना को लेकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताया है।
आरजेडी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
आरजेडी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें सड़क किनारे पड़ी VVPAT पर्चियां दिखाई दे रही हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। वीडियो के साथ लिखा गया कि “समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर EVM से निकलने वाली VVPAT पर्चियां फेंकी हुई मिलीं। आखिर यह सब कैसे और किसके इशारे पर हुआ? क्या चुनाव आयोग इसका जवाब देगा?” आरजेडी ने इसे “लोकतंत्र के डकैतों” की साजिश तक करार दिया।
कचरे के ढेर में मिलीं मतदान की पर्चियां
मिली जानकारी के अनुसार, यह VVPAT पर्चियां शीतलपट्टी गांव के पास कूड़े के ढेर में पाई गईं। इसी क्षेत्र में 6 नवंबर को मतदान हुआ था। सुबह जब ग्रामीणों ने कचरे में चुनाव चिन्ह वाली पर्चियां देखीं, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। देखते ही देखते यह खबर पूरे इलाके में फैल गई और लोग मौके पर इकट्ठा हो गए।
डीएम ने दी जांच के आदेश, एफआईआर दर्ज
समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा खुद मौके पर पहुंचे और पर्चियों को अपने कब्जे में लिया। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ये मॉक पोल यानी प्रायोगिक मतदान की पर्चियां हैं, जिन्हें गलती से फेंक दिया गया। हालांकि, उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने और दो अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा कि यह तकनीकी मामला है और जांच के बाद पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दी सफाई
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भी घटना पर बयान देते हुए कहा कि समस्तीपुर के डीएम को मौके पर जाकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मॉक पोल की VVPAT पर्चियां थीं, इसलिए असली मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी ताकि ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
चुनावी माहौल में उठे पारदर्शिता पर सवाल
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हो चुका है, जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 14 नवंबर को होगी। ऐसे में मतदान के बाद VVPAT पर्चियां मिलना चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष जहां इसे चुनाव आयोग की लापरवाही बता रहा है, वहीं प्रशासन इसे तकनीकी भूल मान रहा है। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे सच्चाई सामने आ सके।