भगवान शिव की कृपा पाने का सबसे सहज और प्रभावी मार्ग है श्रद्धा के साथ मंत्र जाप और नियमित पूजा। विशेष रूप से सोमवार के दिन किए गए मंत्रों का महत्व और भी बढ़ जाता है। पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” को शिव भक्ति का आधार माना गया है। यह मंत्र 108 बार जपने से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। इसके साथ ही शिव गायत्री मंत्र “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे…” का ध्यान भय, तनाव और बेचैनी को दूर करके आत्मविश्वास बढ़ाता है। वहीं महामृत्युंजय मंत्र “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” के नियमित जाप को स्वास्थ्य, दीर्घायु और आंतरिक शक्ति का स्रोत कहा गया है। आरती मंत्र “कर्पूरगौरं करुणावतारं…” भक्त के जीवन में सौभाग्य और सुखद अनुभूति लेकर आता है।
सरल विधि से करें शिव पूजा
शिव पूजा की विधि अत्यंत सरल होने के कारण हर भक्त इसे आसानी से कर सकता है। सुबह या शाम पूजा स्थान की सफाई कर घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इसके बाद शांत वातावरण में शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित कर पूजा शुरू की जाती है। पूजा से पहले गणेश जी का ध्यान कर बाधाओं का निवारण किया जाता है, फिर शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल मिले स्वच्छ जल से किया जाता है। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बने पंचामृत से अभिषेक कर पुनः शुद्ध जल चढ़ाया जाता है। पूजा के दौरान शिवलिंग पर चंदन, सफेद फूल, बिल्वपत्र, धतूरा और फल अर्पित कर भक्त अपनी मनोकामनाओं का संकल्प लेते हैं। अंत में घी की आरती कर शिवलिंग और चंद्रमा को जल अर्पित किया जाता है।
सोमवार व्रत से मिलते शुभ फल
शिव पुराण में सोमवार व्रत और मंत्र जाप को अत्यंत फलदायी बताया गया है। विश्वास है कि यह व्रत करियर, व्यापार, दांपत्य जीवन और मानसिक शांति में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। नियमित पूजा से तनाव कम होता है और घर में सौहार्द और सुकून का वातावरण बना रहता है। स्वास्थ्य में सुधार और दीर्घायु का आशीर्वाद भी भक्तों को प्राप्त होता है। सोमवार के दिन कुछ सरल उपाय, जैसे सफेद वस्त्र धारण करना, शिवलिंग पर गंगाजल या चंदन जल चढ़ाना, बिल्वपत्र पर “ॐ” लिखकर अर्पित करना, रुद्राक्ष धारण करना और घर में “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना, इन सबको शीघ्र शिव कृपा पाने का उत्तम माध्यम माना गया है।