Nitish Cabinet में बड़ा उलटफेर, बीजेपी के पास गए अहम मंत्रालय, जेडीयू के हाथ खाली!

बिहार में नई सरकार बनने के साथ ही नीतीश कैबिनेट में विभागों का बंटवारा भी तय कर दिया गया है। इस बार कई बड़े विभागों में फेरबदल हुआ है, जिसमें सबसे बड़ा बदलाव गृह विभाग का है। सम्राट चौधरी को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि संजय टाइगर को श्रम संसाधन और मंगल पांडे को स्वास्थ्य व विधि विभाग मिला है। इसके अलावा नितिन नवीन को पथ निर्माण, सुरेंद्र मेहता को पशु एवं मत्स्य संसाधन, विजय कुमार सिन्हा को खान एवं भूत तत्व और अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन व कला मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।

पहली बार नीतीश कुमार से छिना गृह विभाग

नीतीश कुमार के लंबे राजनीतिक कार्यकाल में ऐसा पहली बार हो रहा है जब उनके पास गृह विभाग नहीं रहेगा। यह विभाग इस बार बीजेपी के खाते में गया है, जिससे राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा है। गृह विभाग को लेकर जेडीयू और बीजेपी में कुछ समय से खींचतान चल रही थी, और आखिरकार यह जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सौंप दी गई है। यह फैसला गठबंधन के भीतर भाजपा की बढ़ती पकड़ का संकेत भी माना जा रहा है।

बीजेपी नेताओं को मिले अहम मंत्रालय

बीजेपी को इस कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। विजय कुमार सिन्हा को भूमि एवं राजस्व के साथ खान मंत्रालय सौंपा गया है, जबकि मंगल पांडे को स्वास्थ्य और विधि विभाग का बड़ा दायित्व मिला है। दिलीप जायसवाल को उद्योग मंत्रालय, नितिन नवीन को नगर विकास व पथ निर्माण जैसे बड़े विभाग, और रामकृपाल यादव को कृषि मंत्रालय दिया गया है। इसके अलावा श्रेयसी सिंह को सूचना प्रौद्योगिकी और खेल मंत्रालय का जिम्मा मिला है, जबकि अरुण शंकर प्रसाद पर्यटन और संस्कृति विभाग संभालेंगे।

सहयोगी दलों को भी मिला प्रतिनिधित्व

सरकार में शामिल अन्य दलों को भी उनके प्रभाव और सीटों के आधार पर मंत्रालय दिए गए हैं। एलजेपी (रामविलास) को गन्ना उद्योग व लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग मिला है, जबकि हम पार्टी को लघु जल संसाधन विभाग दिया गया है। आरएलएम को पंचायती राज मंत्रालय सौंपा गया है। इससे स्पष्ट है कि नए गठबंधन में सभी दलों को संतुलित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है।

सामाजिक संतुलन पर टिकी कैबिनेट की संरचना

नीतीश की नई टीम सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। कुल 27 मंत्रियों में सामान्य वर्ग के 8, राजपूत 4, भूमिहार 2, ब्राह्मण 1 और कायस्थ 1 शामिल हैं। पिछड़ी जातियों का प्रतिनिधित्व 9 मंत्रियों के साथ सबसे अधिक है। इनमें कुशवाहा 3, कुर्मी 2, वैश्य 2 और यादव 2 मंत्री हैं। अति पिछड़ी जातियों से 3 मंत्रियों को जगह मिली है, जबकि दलित समुदाय से 5 और मुस्लिम समुदाय से एक मंत्री शामिल किया गया है। यह संरचना बताती है कि सरकार ने जातीय संतुलन को प्राथमिकता देते हुए हर वर्ग को कैबिनेट में हिस्सेदारी दी है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra