खटास से भरपूर आंवला न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि यह सेहत का खज़ाना भी है। इसे आयुर्वेद में “अमृत फल” कहा गया है क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन सी, पॉलीफेनॉल और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। सर्दियों में इसे अपनी डाइट में शामिल करने से न सिर्फ इम्यूनिटी मजबूत होती है, बल्कि यह खांसी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से भी बचाव करता है। कई लोगों को लगता है कि आंवला खाने से सर्दी बढ़ जाएगी, लेकिन सही मात्रा और तरीके से इसका सेवन शरीर को वायरल इंफेक्शन से दूर रखता है।
दिल और पाचन के लिए फायदेमंद
पबमेड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आंवला में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व शरीर की सूजन को कम करते हैं और दिल को स्वस्थ बनाए रखते हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक फायदेमंद फल माना जाता है। इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र बेहतर होता है और शरीर में प्राकृतिक चमक बनी रहती है।
आंवला का अचार: स्वाद के साथ सेहत का डोज़
अगर आप आंवले को सालभर अपनी डाइट में रखना चाहते हैं तो इसका अचार एक बेहतरीन विकल्प है। इसके लिए 500 ग्राम साफ और दाग-धब्बों से मुक्त आंवला लें। इन्हें हल्का उबालकर मुलायम कर लें ताकि आसानी से फांके बन जाएं। अब सौंफ, धनिया, मेथी दाना, अजवाइन, राई, कलौंजी जैसे मसालों को हल्का भूनकर दरदरा पीस लें। सरसों के तेल को धुआं आने तक गर्म करें और गैस बंद कर दें। इसमें हींग, सभी पिसे हुए मसाले, लाल मिर्च, हल्दी और नमक डालें। अंत में उबले हुए आंवले मिलाकर अच्छी तरह मिक्स करें और ठंडा होने दें ताकि मसाला पूरी तरह से इसमें समा जाए।
अचार को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के उपाय
अचार को हमेशा कांच के साफ और सूखे जार में स्टोर करें। जार को पहले गर्म पानी से धोकर पूरी तरह सुखा लें। ध्यान रखें कि अचार डालते वक्त या निकालते समय इस्तेमाल होने वाला चम्मच भी सूखा हो। अचार भरने के बाद जार को कपड़े से ढककर 3–4 दिन धूप में रखें ताकि मसाले और तेल अच्छी तरह मिल जाएं। अगर अचार को लंबे समय तक खराब होने से बचाना चाहते हैं, तो ध्यान दें कि यह हमेशा तेल में पूरी तरह डूबा रहे।
आंवला का अचार न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत भी बनाता है। सर्दियों में यह सेहत का कवच बनकर काम करता है और हर मौसम में आपकी डाइट में एक हेल्दी ट्विस्ट जोड़ देता है।