Anil Ambani की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी-सीबीआई का कसा शिकंजा, 3,000 करोड़ की संपत्ति जब्त

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी इन दिनों गंभीर वित्तीय जांचों के घेरे में हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और यस बैंक समेत कई बैंकों ने उनके समूह की कंपनियों के कर्ज खातों को ‘धोखाधड़ी’ घोषित किया है। इन बैंकों का आरोप है कि लोन की रकम का गलत इस्तेमाल किया गया। इसी सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जानकारी जुटाने के बाद अनिल अंबानी के 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे। ईडी ने लगभग 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

सेबी की कार्रवाई और शुरुआत की मुश्किलें

अगस्त 2024 में अनिल अंबानी की मुश्किलें तब बढ़ीं जब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उनकी 24 कंपनियों को पांच साल के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। सेबी ने इन कंपनियों पर रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के फंड्स के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया और इसे “धोखाधड़ी योजना” करार दिया। साथ ही, अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में प्रमुख पद संभालने से रोक दिया गया।

17 हजार करोड़ का कर्ज घोटाला

रिलायंस समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करीब 17,000 करोड़ रुपये के कर्ज घोटाले से जुड़ी है। ईडी के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़े इन खातों पर भारी बकाया है। यस बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक समेत कई बैंकों ने लोन चुकाने में गड़बड़ी की शिकायत की थी।

बैंकों के फैसले और विवाद

नवंबर 2024 में केनरा बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के 1,050 करोड़ रुपये के कर्ज को धोखाधड़ी घोषित किया, हालांकि जुलाई 2025 में उसने अपना फैसला वापस ले लिया। जून 2025 में एसबीआई ने भी रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी को धोखाधड़ी घोषित किया और सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद अगस्त 2025 में बैंक ऑफ इंडिया ने भी 724 करोड़ रुपये के लोन में गड़बड़ी के आरोप लगाए। सितंबर 2025 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी रिलायंस समूह के खातों को धोखाधड़ी की श्रेणी में डाल दिया।

ईडी और सीबीआई की छापेमारी

जुलाई 2025 में ईडी ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह से जुड़ी 35 जगहों पर छापेमारी की और कई संदिग्ध लेनदेन का खुलासा किया। इस दौरान ओडिशा के कारोबारी पार्थ सारथी बिस्वाल को फर्जी बैंक गारंटी के मामले में गिरफ्तार किया गया। अगस्त 2025 में ईडी ने खुद अनिल अंबानी से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद 21 अगस्त को सीबीआई ने एसबीआई को हुए 2,929 करोड़ रुपये के नुकसान के मामले में अनिल अंबानी, रिलायंस कम्युनिकेशंस और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया।

कोर्ट ने आदेश पर एक अधिकारी ईडी की हिरासत में

11 अक्टूबर 2025 को दिल्ली की अदालत ने रिलायंस पावर के अधिकारी अशोक कुमार पाल को ईडी की हिरासत में भेजा। उन पर फर्जी बैंक गारंटी और नकली दस्तावेजों के ज़रिए करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। इस कार्रवाई के बाद अनिल अंबानी और उनके समूह पर जांच एजेंसियों का शिकंजा और कस गया है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra