चंडीगढ़ जोनल ऑफिस की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बुधवार, 29 अक्टूबर 2025 को एक बड़ा छापेमारी अभियान चलाया। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में एक साथ की गई। मामला इंटर-स्टेट ड्रग तस्करी से जुड़ा हुआ है। इस दौरान जिन लोगों के ठिकानों पर रेड की गई, उनमें गोपाल लाल अंजन्या, छिंदरपाल सिंह उर्फ केवल, यादविंदर सिंह और उनके कुछ सहयोगियों के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
कई अहम दस्तावेज और प्रॉपर्टी रिकॉर्ड बरामद
छापेमारी के दौरान ED की टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड और जमीन के कागजात मिले हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों के पास दो आलीशान मकान और कई एकड़ कृषि भूमि है, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये में बताई जा रही है। एजेंसी का मानना है कि इन संपत्तियों को नशे के कारोबार से कमाए गए पैसों से खरीदा गया है। इन दस्तावेजों के आधार पर अब ED आरोपियों की अवैध कमाई और निवेश की जांच आगे बढ़ा रही है।
NDPS एक्ट के तहत दर्ज हुआ केस
यह मामला हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक FIR से जुड़ा हुआ है, जिसके आधार पर ED ने अपनी जांच शुरू की। यह केस NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड सायकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस) एक्ट के तहत दर्ज किया गया था। हरियाणा पुलिस ने पहले ही इस प्रकरण में छिंदरपाल सिंह उर्फ केवल, उसके भतीजे यादविंदर सिंह, गोपाल लाल अंजन्या, भोला सिंह और हरजीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई थी कि आरोपी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ इलाके से अफीम की खरीद-फरोख्त में शामिल थे।
अफीम कारोबार का खुलासा
जांच में पता चला है कि छिंदरपाल सिंह और यादविंदर सिंह, गोपाल लाल अंजन्या से अफीम खरीदते थे। इस अफीम का कुछ हिस्सा भोला सिंह, जस्मीत सिंह और हरजीत सिंह को बेचा गया, जबकि बाकी माल हरियाणा पुलिस ने जब्त कर लिया था। ED को यह भी जानकारी मिली है कि ये गिरोह कई वर्षों से इस गैरकानूनी कारोबार में सक्रिय था।
सरकारी अफीम लाइसेंस का दुरुपयोग
एजेंसी के मुताबिक, गोपाल लाल अंजन्या के परिवार के पास सरकारी अफीम का लाइसेंस था, लेकिन उन्होंने इसका गलत इस्तेमाल करते हुए अवैध रूप से अफीम बेचने का धंधा शुरू कर दिया। जस्मीत सिंह और हरजीत सिंह ने भी पूछताछ के दौरान यह स्वीकार किया कि वे छिंदरपाल सिंह से अफीम खरीदते थे और उसका सेवन करते थे।
पहले भी NDPS एक्ट में हो चुकी है सजा
रिकॉर्ड में सामने आया है कि छिंदरपाल सिंह पहले भी NDPS एक्ट के तहत दोषी ठहराया जा चुका है। 2 फरवरी 2006 को उसके खिलाफ दर्ज केस में उसे सजा मिली थी, जबकि 1 फरवरी 2022 को हरियाणा पुलिस ने उस पर एक और मामला दर्ज किया था। अब ED इन सभी आरोपियों की काली कमाई, संपत्तियों और नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। एजेंसी का कहना है कि जांच के आगे बढ़ने पर और भी नाम उजागर हो सकते हैं, जिससे ड्रग तस्करी के इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश संभव हो सकेगा।