Semifinals में बड़ा विवाद, स्मृति मंधाना के आउट पर मचा बवाल, थर्ड अंपायर के फैसले से उड़े सबके होश!

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में एक विवादित फैसले ने मैच की दिशा ही बदल दी। मामला भारतीय टीम की स्टार बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना के आउट होने से जुड़ा रहा। मंधाना जब 24 रन बनाकर शानदार लय में थीं, तभी 10वें ओवर में ऐसा फैसला आया जिसने फैन्स और खुद मंधाना को हैरान कर दिया। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ किम गार्थ की एक गेंद पर मंधाना को थर्ड अंपायर ने आउट करार दिया, लेकिन इस निर्णय पर जमकर बहस छिड़ गई।

विवाद की जड़ बना डीआरएस

घटना 10वें ओवर की है जब गार्थ की एक गेंद लेग स्टंप के बाहर जा रही थी। मंधाना ने उसे फाइन लेग की दिशा में खेलने की कोशिश की और अंपायर ने उसे वाइड घोषित कर दिया। तभी ऑस्ट्रेलिया की कप्तान और विकेटकीपर एलिसा हीली ने अपील करते हुए दावा किया कि गेंद मंधाना के बल्ले से लगी है। पहले तो गेंदबाज़ गार्थ को भी ऐसा नहीं लगा, लेकिन हीली ने डीआरएस ले लिया। तीसरे अंपायर ने स्निको मीटर पर जांच की, जहां हल्की सी आवाज़ दिखी और उसे बल्ले का किनारा माना गया। इसके बाद मंधाना को आउट करार दे दिया गया।

मंधाना का भरोसा नहीं टूटा

थर्ड अंपायर के इस फैसले से स्मृति मंधाना खुद भी हैरान रह गईं। उन्हें पूरा यकीन था कि गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी थी। जब हीली ने डीआरएस लिया था, तब भी मंधाना काफी आत्मविश्वास में दिख रही थीं और विकेट से दूर खड़ी मुस्कुरा रही थीं। लेकिन जैसे ही स्क्रीन पर ‘OUT’ फ्लैश हुआ, उनके चेहरे का रंग उड़ गया। फैन्स ने सोशल मीडिया पर इस फैसले को ‘गलत आउट’ बताते हुए तीसरे अंपायर की आलोचना शुरू कर दी।

नॉकआउट मैचों में फिर फेल रहीं मंधाना

यह मुकाबला मंधाना के लिए एक और निराशा लेकर आया। आंकड़ों के अनुसार, यह लगातार छठी बार है जब स्मृति मंधाना किसी आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मैच में बड़ी पारी नहीं खेल पाई हैं। उन्होंने अब तक 6 नॉकआउट मुकाबले खेले हैं, लेकिन इनमें से किसी में भी अर्धशतक नहीं बना सकीं। इन मैचों में उनका औसत 13 से भी कम रहा है, जो उनके स्तर की खिलाड़ी के लिए निराशाजनक आंकड़ा है।

फैन्स ने उठाए सवाल, विवाद थमा नहीं

स्मृति मंधाना के आउट होने के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई। कई पूर्व क्रिकेटरों और प्रशंसकों का मानना है कि स्निको मीटर पर दिखी हल्की मूवमेंट स्पष्ट नहीं थी, इसलिए अंपायर को संदेह का लाभ बल्लेबाज़ को देना चाहिए था। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने फैसले पर कायम रही और उन्होंने इस आउट को मैच का टर्निंग पॉइंट बताया। इस विवाद ने मैच की चमक को भले ही कुछ देर के लिए फीका कर दिया, लेकिन इसने क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का नया मुद्दा जरूर पैदा कर दिया।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra