कासगंज (उत्तर प्रदेश): कासगंज ज़िले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के निर्माण कार्यों में लगी एजेंसियों की घोर लापरवाही और मनमानी के कारण, मोहनपुरा, सलेमपुर और पीरौंदा को जोड़ने वाला प्रमुख ग्रामीण मार्ग (रोड) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। NHAI के भारी-भरकम डंपरों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे बेतरतीब आवागमन ने इस मार्ग को अब ‘सड़क’ नहीं, बल्कि कीचड़ के एक दलदल में बदल दिया है।
मामले की गंभीरता:
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि NHAI के कर्मचारी जानबूझकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। डंपरों के लगातार चलने और ओवरलोडिंग के कारण सड़क की ऊपरी परत पूरी तरह उखड़ चुकी है। स्थिति इतनी भयावह है कि हल्की सी बारिश में भी पूरे मार्ग पर घुटनों तक कीचड़ जमा हो जाता है, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप्प हो जाता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मार्ग से गुजरना अब हर दिन एक दुःस्वप्न बन गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमारों और रोज़मर्रा के काम पर जाने वाले लोगों को कीचड़ और गड्ढों के बीच से निकलने में घंटों मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो चुके हैं।
प्रशासन पर गंभीर सवाल:
सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि इस गंभीर समस्या की जानकारी होने के बावजूद कासगंज जिला प्रशासन पूरी तरह से बेख़बर बना हुआ है। स्थानीय लोग लगातार शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी NHAI के कर्मचारियों की मनमानी रोकने या सड़क की मरम्मत कराने के लिए ज़मीन पर नहीं उतरा है।
इस उदासीन रवैये से स्पष्ट होता है कि नियमों को सिर्फ आम जनता के लिए बनाया गया है, जबकि बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में लगी एजेंसियां मनमानी करने के लिए स्वतंत्र हैं।
जनता की मांग:
पीड़ित ग्रामीणों ने कासगंज प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनकी मुख्य मांगें हैं:
NHAI के उन डंपरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
प्रशासन तुरंत PWD/NHAI को निर्देश दे कि इस नरक बनी सड़क की तत्काल मरम्मत करवाई जाए।
जनता को इस नरकीय स्थिति में धकेलने वाले लापरवाह अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
यह सड़क सिर्फ एक रास्ता नहीं, बल्कि दर्जनों गांवों की जीवन रेखा है, और प्रशासन की बेख़बरी इस पर भारी पड़ रही है।