Delhi सर्राफा बाजार में हाहाकार, दिवाली के बाद सोने-चांदी के दाम धड़ाम, जानिए क्यों आई गिरावट

दिवाली के बाद दिल्ली का सर्राफा बाजार खुलते ही सोना और चांदी दोनों की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। त्योहारी रौनक के बाद अब बाजार में मंदी का असर दिखने लगा है। इंटरनेशनल मार्केट में कमजोरी के चलते भारत के सर्राफा बाजार में भी इसका सीधा प्रभाव दिखाई दिया।

दिल्ली में सोने के दाम में 6,800 रुपये की गिरावट

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली में सोने की कीमतों में 6,800 रुपये प्रति 10 ग्राम की भारी गिरावट दर्ज की गई। अब 99.9 फीसदी शुद्धता वाला सोना ₹1,25,600 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला सोना भी ₹1,25,000 प्रति 10 ग्राम के भाव पर आ गया। दिवाली से पहले यही सोना ₹1,32,400 प्रति 10 ग्राम के रेट पर बिक रहा था।

चांदी की कीमतों में 17 हजार से ज्यादा की गिरावट

सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली के स्थानीय सर्राफा बाजार में चांदी ₹1,70,000 प्रति किलोग्राम से गिरकर ₹1,52,600 प्रति किलोग्राम पर आ गई। यानी एक ही दिन में ₹17,400 प्रति किलो की कमी आई। चार दिन के अवकाश के बाद बाजार खुलते ही यह गिरावट दर्ज हुई।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मंदी का असर

इंटरनेशनल मार्केट में भी यही रुझान देखा गया। शुक्रवार को हाजिर सोना 0.93% गिरकर $4,087.55 प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि हाजिर चांदी 1.66% की गिरावट के साथ $48.12 प्रति औंस पर आ गई। यह वैश्विक स्तर पर निवेशकों की सतर्कता और मुनाफावसूली के कारण हुआ।

क्यों टूटी सोना-चांदी की चमक?

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी के अनुसार, सप्ताह की शुरुआत में हुई भारी बिकवाली और त्योहारी मांग खत्म होने के बाद बाजार में कमजोरी आई है। दिवाली के बाद भारत में सोने की मांग स्वाभाविक रूप से घटती है, जिससे कीमतों पर दबाव बढ़ा। साथ ही जियोपॉलिटिकल तनाव में कमी और निवेशकों की सतर्कता ने भी गिरावट को बढ़ावा दिया।

आगे क्या हो सकती है स्थिति?

मिराए एसेट शेयरखान के कमोडिटी हेड प्रवीण सिंह ने बताया कि निकट भविष्य में सोने का भाव $4,000 से $4,200 प्रति औंस के बीच रह सकता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें इस गिरावट को सीमित रख सकती हैं। वहीं एलकेपी सिक्योरिटीज के एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी का कहना है कि अमेरिकी व्यापार वार्ता और सरकारी नीतियों में अनिश्चितता से बाजार में सतर्कता बनी रह सकती है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra