कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब सदस्य अपने EPF अकाउंट से पूरी राशि निकाल सकेंगे। सोमवार को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने की। सरकार का कहना है कि इन बदलावों से कर्मचारियों के लिए जीवन आसान होगा और नियोक्ताओं के लिए कारोबार करना भी सहज बनेगा।
आसान हुआ पैसा निकालने का नियम
EPFO ने अब तक लागू 13 जटिल नियमों को खत्म कर दिया है और उनकी जगह केवल 3 कैटेगरी में आंशिक निकासी की व्यवस्था की है। ये कैटेगरी हैं-
आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी आदि)
हाउसिंग जरूरतें (मकान की खरीद या मरम्मत से जुड़े खर्चे)
विशेष परिस्थितियां (आपदा, महामारी, बेरोजगारी आदि)
अब सदस्य अपने खाते में जमा पूरी राशि निकालने के पात्र होंगे, जिससे उन्हें आर्थिक जरूरतों में तुरंत राहत मिलेगी।
शादी और शिक्षा के लिए बढ़ी लिमिट
पहले सदस्य शादी और शिक्षा के लिए केवल 3 बार निकासी कर सकते थे। लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार कर दी गई है। साथ ही न्यूनतम सेवा अवधि (Minimum Service Period) को घटाकर 12 महीने कर दिया गया है, जो पहले हर आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग थी।
अब नहीं बताना होगा कारण
पहले प्राकृतिक आपदा, महामारी या बेरोजगारी जैसी स्थितियों में पैसा निकालने के लिए कारण बताना जरूरी था। कई बार इसी वजह से क्लेम रिजेक्ट हो जाते थे। नए नियमों के तहत अब कोई कारण बताने की जरूरत नहीं होगी, यानी निकासी की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।
25% बैलेंस रहेगा सुरक्षित
EPFO ने यह भी तय किया है कि सदस्यों के खाते में हमेशा कम से कम 25% राशि बनी रहे। इससे खाताधारकों को 8.25% की ब्याज दर और कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा मिलता रहेगा, जिससे रिटायरमेंट के लिए मजबूत फंड तैयार हो सकेगा।
निकासी प्रक्रिया होगी ऑटोमैटिक
नए नियमों के तहत अब कोई दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। निकासी का पूरा सिस्टम ऑटो सेटलमेंट पर आधारित होगा, जिससे क्लेम्स का निपटारा तेज़ी से होगा। साथ ही, फाइनल सेटलमेंट की अवधि 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और पेंशन निकासी की अवधि 2 से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है।
इन बदलावों से लाखों कर्मचारियों को अपने पैसों तक तेजी और आसानी से पहुंचने की सुविधा मिलेगी, जिससे EPF को लेकर पारदर्शिता और भरोसा दोनों बढ़ेंगे।