“The Savior”: लेखन की उड़ान, फ़िल्मों का जुनून, ख़ुद की दुनिया बना रहे रायबरेली के विनय

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के छोटे कस्बे जगतपुर से ताल्लुक रखने वाले विनय अग्रहरि ने महज़ 20 साल की उम्र में अपनी पहली अंग्रेज़ी फैंटेसी नॉवेल “द सेवियर” लिख डाली। पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे विनय एक न्यूज़ चैनल में असिस्टेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम भी कर चुके है।

फैंटेसी और दर्शन का संगम

“द सेवियर” पाठकों को एक ऐसे रहस्यमयी संसार में ले जाती है जहाँ अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष सिर्फ़ ताक़त का नहीं, बल्कि विचारों का है। इसके मुख्य पात्र काल और शिव दो विपरीत शक्तियों का प्रतीक हैं- एक प्रकृति के विनाश के प्रतिशोध में जलता हुआ, और दूसरा संतुलन व चेतना की राह दिखाने वाला। यह नॉवेल पर्यावरण, मानवता और शक्ति जैसे गंभीर मुद्दों पर एक फैंटेसी लेंस के ज़रिए सोचने को मजबूर करती है।

लेखन के साथ फ़िल्मों का शौक़

विनय सिर्फ़ लेखन तक सीमित नहीं हैं। उन्हें शॉर्ट फ़िल्में बनाने में भी गहरी दिलचस्पी है। कहानियों को शब्दों के साथ-साथ कैमरे के माध्यम से प्रस्तुत करने की यह उनकी कोशिश, उनके बहुआयामी क्रिएटिव दृष्टिकोण को दर्शाती है।

भविष्य की योजनाएँ

विनय अग्रहरि का कहना है कि “द सेवियर” उनकी लंबी यात्रा की शुरुआत है। आने वाले समय में वह इसके सीक्वल और नई कहानियों पर काम करेंगे। साथ ही उनकी यह इच्छा है कि किताबों और फ़िल्मों, दोनों माध्यमों के जरिए भारतीय फैंटेसी साहित्य और इंडिपेंडेंट सिनेमा को नई पहचान मिले।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra